राजस्थान/बाड़मेर- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जनता में सेवक की छवि सुधारने की कोशिश लगातार कर रहे हैं और बाड़मेर जिला मुख्यालयों पर सरकारी अधिकारियों के रवैए से ऐसा ही लगता है, बाड़मेर जिला मुख्यालय पर बाड़मेर ग्रामीण क्षेत्र में पचायत मुख्यालय पर जनहित के मुद्दों पर जनसुनवाई के दौरान मूलभूत समस्यायों का समाधान करवाने में बाड़मेर जिले की पब्लिक कलेक्ट्रेट परिसर की जनसुनवाई हो या फिर विधायक कार्यालयों में सैकड़ों लोगों के लिए मूलभूत समस्याओं का त्वरित निस्तारण करते हुए समाधान होता है चाहे बिजली, पानी, सडकों, विधालयों, अस्पताल, सरकारी कार्यालयों के लिए भूमि आवटन या फिर कोई और मार्ग पर अतिक्रमण हटाने की समस्या सीधे ही बडे़ अधिकारियों को तुरंत संज्ञान लेकर मौका स्थल देखकर ही उचित कार्यवाही नियमानुसार होनी चाहिये लेकिन जनसुनवाई के दौरान जिला कलेक्टर अरूण कुमार पुरोहित सहित जिला प्रशासन भी भूमाफियाओं के द्वारा किया गया ग्रेवाल सड़क का अतिक्रमण हटाने के लिए बेबस नजर आ रहा था और भूमाफियाओं के आगे शायद बाड़मेर जिला प्रशासन की कोशिश फैल नज़र आ रही है।
बाड़मेर शहर में शहरीकरण विस्तार करते हुए नगर परिषद की सीमा का मुख्यमंत्री द्वारा विधायक मेवा राम जैन की सबसे बड़ी समस्या का समाधान कर दिया था और वहाँ पर दो तीन दशकों से रहने वाले लोगों के लिए नगर परिषद और सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा करोड़ों रुपये खर्च कर बिजली, पानी और सडको का जाल बिछाया जा रहा है लेकिन दानजी की होदी क्षेत्र में राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार कृषि भूमि पर पिछले दो दशक से खातेदारों ने उपखंड अधिकारी कार्यालय से स्टे होने के बावजूद भूमाफियाओं से साठगांठ करते हुए राजस्व विभाग को चपत लगाकर अवैध कालोनी काटने के साथ ही दलालों से मिलकर गरीब लोगों को स्टाम्प पर प्लोट बेचकर लूटने की योजना बनाई, यहाँ पर दशकों से रहने वाले लोगों के रजिस्ट्री, स्टाम्प देखकर भी जिला प्रशासन जाचं पडताल कर सकते हैं और यही पर स्टे होने के बावजूद भी खाताधारकों ने तीस फिट की मार्ग पर ग्रेवाल सड़क बनाकर आगे तीन चार फिट इन्टो की कामचलाऊ दीवार बनाकर लोगों का आम रास्ता अवरूद्ध कर दिया था इसको हटाने के लिए लगभग एक दर्जन से ज्यादा बार जिले के उच्च अधिकारियों सहित सम्पर्क पोर्टल पर भूमाफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए शुक्रवार को नगर परिषद टीम द्वारा और तहसीलदार बाड़मेर, आर आई और पटवारी हल्का बाड़मेर शहर की टीम द्वारा मौका मुआयना किया गया और कृषि भूमि पर स्टे के बावजूद भी खातेदार द्वारा सरकारी राजस्व का घाटा पहुचाकर स्टाम्प पेपर पर प्लाट बेचना और चार दिवारों के साथ सैकड़ों परिवारों की जायज़ मांग का समाधान करने के लिए उच्च अधिकारियों को रिपोर्ट बनाकर पेश करेंगे इस पर जिला कलेक्टर ने कहा कि जानबूझकर लापरवाही बरतने वाले सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही करेंगे।
– राजस्थान से राजूचारण