बाड़मेर /राजस्थान- राज्य के अस्सी सरकारी कार्यालयों में सरकारी कर्मचारियों की सख्या लगभग आठ लाख है इसमें आधे से ज्यादा तो शिक्षा विभाग में, दूसरे नम्बर पर स्वास्थ्य विभाग में और तीसरे नंबर पर पुलिस विभाग के चाक चोबन्द कर्मचारियों का आकड़ा लगभग एक लाख आता है।
तीनों विभागों के कर्मचारियों को छोड़कर बाक़ी सित्तहत्तर विभागों में लगभग दो लाख कर्मचारियों की सख्या होगी और दो साल में लगभग पचास हजार सरकारी कर्मचारियों को सेवानिवृत्त किया जाता है l आने वाले समय में सबसे ज्यादा पद रिक्त होने के कारण सरकारी कार्यालयों की हालत डगमगा जाएगी।
देश भर मे अलग अलग राज्यों के कर्मचारी सगठनो की और से सेवानिवृत्त आयु बढाने की मांग लगातार की जा रही है और कई राज्य सेवानिवृत्त कर्मचारियों की आयु बढ़ा चुके है और कुछ कर्मचारियों की उम्र बढाने की तैयारी कर रहे।
अगले दो साल मे कई ओर विभागों के कर्मचारी सेवानिवृत्त हो रहे है। पूर्व मे लाखों पद सरकारी कार्यालयों में रिक्त चल रहे है। विशेष कर शिक्षा/तकनीकी विभाग सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते है। आर्थिक रूप से सेवानिवृत्त होने कर्मचारियो को सरकार द्वारा करोङो का भुगतान करना होगा।
मध्य प्रदेश मे सेवानिवृत्त आयु 62 से 63 वर्ष करने की तैयारी चल रही है। पाच साल मे दो बार आयु बढाई जा रही है।
कर्नाटक मे सेवानिवृत्त आयु 62 से 63 वर्ष करने का विचार चल रहा है।
आन्ध्रप्रदेश मे 1 जनवरी 2022 से सेवानिवृत्त आयु 60 से 62 वर्ष कर दी गई।
तेलंगाना मे सेवानिवृत्त आयु 61 वर्ष 30 मार्च 2021 को कर दिया है l
बिहार मे सेवानिवृत्त आयु 60 से 62 वर्ष करने का मथन चल रहा है।
उत्तराखंड मे सेवानिवृत्त आयु 60 से 62 वर्ष की तैयारियां चल रही है।
उत्तराखंड मे सेवानिवृत्त आयु चिकित्सक 60 से 65, शिक्षक 60 से 62 वर्ष करने का विचाराधीन है।
महाराष्ट्र मे सेवानिवृत्त आयु 2 वर्ष बढाने का मथन किया जा रहा है।
– राजस्थान से राजूचारण