बरेली। हमको रोके जमाना यह जमाने में दम नहीं, क्योंकि जमाना है हमसे हम जमाने से नही। जी हां, यह बात सत्य है जब आपके हौंसले बुलंद हो तो मंजिल पर पहुंचने से आपको कोई नहीं रोक सकता है। मेहनत किसी की मोहताज नहीं होती। आपने यह कहते अवश्य ही सुना होगा पर इसे कर दिखाया एक किसान के बेटे दीन दयाल मौर्य ने। आपने एक से बढ़कर एक सफलता हासिल की है। आप बेसिक शिक्षा विभाग बरेली में सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत है। अब आपका शोध पत्र इंटरनेशनल जर्नल ऑफ मल्टी डिसिप्लिनरी एजुकेशन एंड रिसर्च में प्रकाशित हुआ है। आपने अपना शोध बरेली जनपद के माध्यमिक स्तर पर अध्ययनरत विद्यार्थियों पर विद्यालय के सामाजिक एवं संवेगात्मक वातावरण के प्रभाव का अध्ययन विषय पर किया। इस शोध में सर्वेक्षण विधि द्वारा आंकड़ों का संकलन किया गया तथा सोद्देश्य न्यादर्श चयन विधि द्वारा दस विद्यालयों तथा सौ विद्यार्थियों को यादृइच्छिक न्यादर्श चयन विधि द्वारा चयनित किया गया। शोध कार्य के लिए डा. रेणुका कुमारी सिन्हा व रजनी भार्गव द्वारा निर्मित एवं मानवीकृत सोसियो इमोशनल स्कूल क्लाइमेट इन्वेंटरी ( SESCI ) सूची का प्रयोग किया गया। इस कार्य में आंकड़ों के विश्लेषण हेतु मध्यमान, मानक विचलन तथा टी परीक्षण का प्रयोग किया गया। इस शोध का यह निष्कर्ष प्राप्त हुआ कि यूपी बोर्ड व सीबीएसई बोर्ड के विद्यार्थियों में विद्यालय के सामाजिक एवं संवेगात्मक वातावरण के प्रभाव में कोई सार्थक अंतर नहीं है। दोनों ही बोर्ड के विद्यार्थियों पर विद्यालय का सामाजिक एवं संवेगात्मक वातावरण समान प्रभाव डालता है। दोनों ही बोर्ड के विद्यार्थियों में समान रूप से संवेगात्मक विकास पर बल दिया जाता है। तथा किसी भी प्रकार का पक्षपातपूर्ण व्यवहार नहीं किया जाता है।
आपने हमें बताया कि इस शोध पत्र के कार्य को सम्पन्न कराने में डा. प्रतिभा रस्तोगी एवं डा. प्रियंका वर्मा असिस्टेंट प्रोफेसर ज्योति कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट साइंस एंड टेक्नोलॉजी बरेली का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। आपके ही कुशल मार्गदर्शन और कड़ी मेहनत के कारण ही आज यह परिणाम हासिल हुआ है। इसके लिए ज्योति कॉलेज के डायरेक्टर, प्रिसिपल अनीता चौहान, कु. नीलम, उमा गुप्ता, स्वाति दीक्षित, कु. मिथलेश, राहुल यादव, अजय गुप्ता, वसीम मियां, गंगवार एवं शिक्षा विभाग के समस्त शिक्षक बधाई के पात्र है।।
बरेली से कपिल यादव