फतेहगंज पश्चिमी, बरेली। बेसिक शिक्षा विभाग में सेटिंग का खेल कितना मजबूत है कि इसमें तमाम अधिकारी भी शामिल है। शासन ने सभी स्कूलों को दो से तीन घंटे खोलने के आदेश दिए हैं ताकि सत्यापन का कार्य निपटाया जा सके लेकिन लॉकडाउन में छूट मिलते ही सैकड़ो शिक्षक रिश्तेदारों में घूमने चले गए है। इस सेटिंग में कई ब्लाकों के अधिकारी शामिल है। शिक्षक स्कूल आए या ना आए उनकी हाजिरी रजिस्टर में पूरी लग रही है। अगर बीएसए के निरीक्षण में शिक्षक गैरहाजिर भी मिलते हैं तो वो सब संभाल लेते हैं। सूत्रों की माने तो बेसिक के कई शिक्षक तो ऐसे हैं जो कि स्कूल के नाम पर रिश्तेदारी निभा रहे हैं जैसे ही आदेश आया प्रदेश में कहीं भी आने-जाने पर रोक हटा दी गई है तो शिक्षक अपने रिश्तेदारी में और कई मौज मस्ती करने बाहर निकल गए। इस बात की भनक बेसिक शिक्षा अधिकारी को भी है लेकिन क्षेत्र के विभाग कार्यालय से सेटिंग होने के कारण विभाग में उनकी हाजिरी लग जाती है। इन दिनों स्कूलों में सत्यापन का कार्य होना है जिसमें बच्चों की यूनिफार्म का माप, किताब वितरण की सूची, मिड डे मील का सत्यापन, स्कूल में चल रहे कायाकल्प का कार्य, स्कूल की रंगाई पुताई आदि होना है। इसके लिए शिक्षकों को स्कूल आना अनिवार्य है लेकिन अधिकांश शिक्षको ने क्षेत्र के विभाग कार्यालय के साथ सैटिंग कर ली है और स्कूल नहीं खोल रहे हैं। शिक्षकों ने बताया कि यदि स्कूल में एक से अधिक शिक्षक हैं तो बिना सेटिंग वाले शिक्षक एक दूसरे के नाम से काम कर लेते हैं इससे हर दिन कोई न कोई अवकाश पर रहता है सप्ताह में 3 दिन एक शिक्षक और 3 दिन दूसरे शिक्षक को स्कूल आकर खोलना पड़ता है। जिससे हर शिक्षक का हस्ताक्षर कंप्लीट हो जाता हैं। हर साल स्कूलों में 20 मई से गर्मियों की छुट्टी पड़ जाती है लेकिन लॉकडाउन की बजह से ढाई महीने से बंद चल रहे स्कूलों को इस बार शासन ने छुट्टी घोषित नहीं की है तो शिक्षकों ने मान लिया की 20 मई के बाद से छुट्टी है तो कई शिक्षकों ने तो विभाग को बगैर सूचना के ही जनपद छोड़ दिया है जबकि लॉकडाउन के समय यह स्कूल पहले से ही बंद चल रहे है। जनपद छोड़ने वालो में अधिकांश शिक्षक वे हैं जिनके पिछले सत्र में ट्रांसफर हो गए थे।।
बरेली से कपिल यादव