शहीद उपवन में स्थापित शहीद प्रतिमा का हुआ अनावरण

आजमगढ़- भारत-चीन युद्ध 1962 के अमर शहीद भगवती प्रसाद के शहादत दिवस के अवसर पर आयोजित शहीद मेला एवं मूर्ति अनावरण समारोह में शहीद उपवन ग्राम मदियापार में स्थापित शहीद प्रतिमा का अनावरण वन एवं पर्यावरण मंत्री उ0प्र0 दारा सिंह चौहान, बीजेपी जिलाध्यक्ष जयनाथ सिंह, जिलाधिकारी नागेन्द्र प्रसाद सिंह एवं शहीद परिवार एवं समस्त क्षेत्रवासियों की गरिमामयी उपस्थिति में किया गया। इसी के साथ ही जिलाधिकारी द्वारा शहीद प्रतिमा पर पुष्प अर्पित तथा शहीद उपवन में पौधरोपण किया गया। जिलाधिकारी ने बताया कि अमर शहीद भगवती प्रसाद सिंह जन्म 05 मई 1937 को हुआ था तथा भारत-चीन युद्ध 1962 के दौरान 21 नवम्बर 1962 को वीरगति को प्राप्त हो गये।
इस अवसर पर वन एवं पर्यावरण मंत्री दारा सिंह चौहान ने अपने सम्बोधन में कहा कि हमारा देश सुरक्षित रहेगा, जब पर्यावरण संरक्षित रहेगा। उन्होने कहा कि पहले के बुजुर्गाें में वैज्ञानिक सोच रहती थी, वे पेड़-पौधों की रक्षा करते थे तथा पेड़ों को काटने से मना भी करते थे। उन्होने बताया कि पेड़ों कटने से ओजोन की परत पतली होती जा रही है, उसे बचाने का एक ही तरीका है, हम सभी लोगों को ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाना चाहिए, जिससे प्रदूषण को दूर किया जा सके। जिलाधिकारी ने कहा कि अमर शहीद भगवती सिंह ने भारत-चीन युद्ध 1962 में अपने प्राणों को न्यौछावर किया था, उनको मै नमन करता हूं। उन्होने कहा कि इस तरह का आयोजन कराते रहने चाहिए, जिससे कि हमारे आने वाली युवा पीढ़ी महापुरूषों को स्मरण रखे। जिस समाज में महापुरूषों को याद नही किया जाता है, वह समाज समाप्त हो जाता है, आज हम सबको महापुरूषों के नैतिक मूल्यों को अपने जीवन में उतारने की जरूरत है। हमारे आजमगढ़ की धरती अनेक शहीदों, साहित्यकार, वैज्ञानिक, प्राध्यापक, महापुरूषों की गाथाओं से भरी है, आज हमें इन सभी बारे में युवा पीढ़ी का बताने की जरूरत है। यदि हम लोग महापुरूषों के बारे में युवा पीढ़ियों को नही बतायेंगे तो वे नकारात्मक पथ की तरफ अग्रसर हो सकते हैं। उन्होने कहा कि सही अर्थाें में एक सैनिक ही जो देश की सेवा करने के लिए सीमाओं पर अपने प्राणों को बलिदान करता है, वही मोक्ष की प्राप्ति करता है, असली में वही सन्यासी है। जिलाधिकारी ने कहा कि हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जो हमारे सैनिक देश की सीमाओं पर रक्षा करते हैं, और यदि उनके परिवार में कोई समस्या आती है तो हम सभी लोगों को मिलकर उनका सहयोग करना चाहिए। इसी के साथ ही जिलाधिकारी ने कहा कि प्रत्येक क्षण निरन्तर गतिशील है, हमारी आत्मा नही मरती है, हम हमेशा भयभीत रहते हैं कि हमारा शरीर नष्ट हो जायेगा, इसलिए हमें अपने प्रत्येक क्षणों का सदुपयोग करना चाहिए। जिलाधिकारी ने डीएफओ को निर्देश दिये कि शहीद उपवन का डीपीआर बनाकर जल्द से जल्द उपलब्ध करायें, जिसको मंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया जा सके। जिलाधिकारी द्वारा अमर शहीद भगवती प्रसाद सिंह की धर्मपत्नी ललिता देवी तथा उनकी पुत्री सुदामा देवी तथा उनके परिजन को शाल देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन मा0 गजेन्द्र सोलंकी राष्ट्रीय कवि द्वारा किया गया। इस अवसर पर व्यवस्थापक,संयोजक डाॅ0 राजेन्द्र प्रसाद सिंह, डीएफओ अयोध्या प्रसाद सहित शहीद परिवार के परिजन व समस्त क्षेत्रवासी उपस्थित रहे।

रिपोर्टर:-राकेश वर्मा आजमगढ़

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