राजस्थान/बाड़मेर – अन लाक डाउन शुरू करने के बाद और उसके बाद जिस बात का सबसे ज्यादा डर था वही हुआ हमारे बाड़मेर जिले में। लगातार कुछ दिन से कम हो रहे संक्रमितों के आंकडे फिर से कुछ ही समय में बढ़ जाएंगे और इसके साथ ही बढ़ गई शहरों-कस्बों में जगह जगह पर जाम की परेशानी। पिछले दो दिन मे ही शहर के बाजारों का बुरा हाल हो गया।
चिकित्सा विभाग के साथ ही राज्य सरकार को अब इस जाम से और लोगों की लापरवाही से फिर संक्रमण बढ़ने का डर सताने लग गया। पिछले दिनों जिला मुख्यालय से लगभग बीस पच्चीस किलोमीटर दूर एक दो गांवों में कोराना भड़भड़ी की जांच-पड़ताल करने के लिए चिकित्सा विभाग की टीम भेजी गई थी लेकिन आश्चर्य इस बात पर हों रहा है कि साठ पैंसठ लोगों की जांच-पड़ताल करने पर बीस पच्चीस कोराना भड़भड़ी के रोगियों का एक ही परिवार से होना….. जितनी ज्यादा गांवों कस्बों में जांच-पड़ताल होगी उतने ही ज्यादा रोगियों की संख्या ज्यादा होगी।
लाॅकडाउन के दौरान बाड़मेर पुलिस की सख्ती जारी रही। बाड़मेर जिले में पुलिस ने लगभग हर दिन लगभग पच्चीस तीस थानों द्वारा हजार लोगों के चालान किए और लाखों रुपयों का जुर्माना भी वसूला। चालान उन लोगों के किए गए जिन्होनें कोरोना प्रोटोकाॅल तोड़ा और लगातार लापरवाही बरती। लेकिन अब जब भीड़ बढ़ी तो उसके बाद पुलिस की कार्रवाई अचानक आधी से भी कम ही रह गई। जबकि अब नियम तोड़ने वालों की संख्या भी बढ़ी है।
राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार
शहरों-कस्बों ओर गांव ग्वाड़ में छोटी बड़ी दुकानों को सरकार ने सिर्फ सात घंटे के लिए ही अनलाॅक किया है। इनमें भी पांच घंटे के लिए बाजारों और प्रतिष्ठानों को खुलने की अनुमति है। लेकिन उसके बाद भी जगह जगह पर जाम के हालात बन रहे हैं। रेल्वे स्टेशन से मुख्य बाजार के बाजारों के अलावा शहर के बाहरी रिंग रोड क्षेत्रों में स्थित बाजारों में भी भीड़ लगातार बढ़ रही है। ऐसे में अगर संक्रमित इन भीड़ के संपर्क में आते हैं तो भीड़ ही सुपर स्प्रेडर बन सकती है। अगर ऐसा होता है और संक्रमित फिर से बढ़ते हैं तो राज्य सरकार ओर जिला प्रशासन को फिर से लंबे समय के लिए लाकडाउन लगाना पड सकता है।
– राजस्थान से राजू चारण