*ग्रामीणों को मजबूरन झोलाछाप चिकित्सको का लेना पड़ रहा है सहारा
अम्बेडकरनगर ब्यूरो- बसपा शासन काल में डा. भीमराव अम्बेडकर योजना में चयनित गांव मुस्तफाबाद में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्वीकृत हुआ था। उस समय उसकी लागत लगभग 16.39 लाख रुपए से भी अधिक आयी थी और बसपा शासन काल में ही इस बिल्डिंग का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया था, लेकिन सत्ता परिवर्तन के कारण मुस्तफाबाद के स्वास्थ्य केंद्र की सुधि किसी ने नहीं ली।
ग्रामीणों का कहना है कि लाखों रुपए की लागत से बना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आज खंडहर में तब्दील हो चुका है। लोगों को उम्मीद है शायद फिर से सत्ता परिवर्तन हो और इस सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के दिन लौटे।
दरवाजे और खिड़कियों पर हाथ साफ करते रहे:-
बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से इस गांव में मिनी अस्पताल की स्वीकृति शासन द्वारा की गयी थी। भवन भी बनकर तैयार हो गया था लेकिन सत्ता परिवर्तन तो अड़चन बना ही लेकिन प्रशासन की अदूरदर्शिता से अभी तक संचालित नहीं हो सका है बल्कि मनचले दरवाजे, खिड़कियां चुराकर ले गये हैं। लाखों की लागत से बना भवन खंडहर में तब्दील होने लगा है। इसी बीच चोर वहां लगे दरवाजे और खिड़कियों पर हाथ साफ करते रहे। आज हालत यह है कि अस्पताल शुरू होने से पहले ही भवन खंडहर में तब्दील होने लगा है। इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के न चालू होने से यहाँ की जनता को झोला छाप चिकित्सको से इलाज कराना पड़ है।
ब्यूरो रिपोर्ट, अम्बेडकरनगर