बरेली। बुधवार को मुख्य अभियंता कार्यालय पर विद्युत संविदा मजदूर संगठन ने धरना दिया गया। धरने का नेतृत्व संगठन के जिलाध्यक्ष जहीर खान ने किया। इस दौरान सभी ने संविदा कर्मियों की 30 प्रतिशत छंटनी के आदेश पर विरोध जताया। संगठन के पदाधिकारियों ने कहा कि अगर आदेश को जल्द वापस नही लिया गया तो प्रदेश स्तर पर आंदोलन किया जाएगा। धरने को संबोधित करते हुए संगठन के प्रांतीय प्रभारी पुनीत राय ने कहा कि प्रबंध निदेशक द्वारा जारी यह तानाशाही आदेश पूरी तरह अनुचित और असंवेदनशील है। 2017 के पुराने आदेश को वर्तमान समय में लागू करना व्यावहारिक नहीं है। 2017 में प्रदेश की विद्युत मांग केवल 14,000 मेगावाट थी, जो अब बढ़कर 29,000 मेगावाट हो चुकी है। इसके बावजूद, संविदा कर्मियों की छंटनी किया जाना अन्यायपूर्ण है। संगठन के मध्यांचल महामंत्री सुनील गोस्वामी ने बताया कि वर्तमान में संविदा कर्मी आठ घंटे की जगह 16 से 18 घंटे तक कार्य कर रहे हैं। इन कर्मियों को लाइन मेंटेनेंस, बिलिंग, राजस्व वसूली, उपभोक्ताओं की समस्याओं का समाधान, पेड़ों की डालियों की छंटाई, ट्रांसफार्मर चढ़ाने-उतारने तथा ओटीएस जैसी योजनाओं का काम भी करना पड़ रहा है। जिलाध्यक्ष जहीर खान ने बताया कि 2017 में मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के अंतर्गत 58 लाख उपभोक्ता थे, जो अब बढ़कर 1.25 करोड़ हो चुके हैं। इसके बावजूद, प्रबंधन पुराने आदेश के आधार पर छंटनी का तर्क दे रहा है, जो पूरी तरह से अव्यावहारिक और अन्यायपूर्ण है। प्रदेश अध्यक्ष नवल किशोर सक्सेना ने कहा कि अगर छटनी का आधेश वापस नही हुआ तो संगठन 10 फरवरी को विशाल सत्याग्रह करेगा। अशोक कुमार, महामंत्री राशिद, विक्की, संगठन मंत्री शमीम अंसारी, प्रचार मंत्री निजाम, विपिन कुमार, जिला उपाध्यक्ष विक्रम जायसवाल आदि रहे।।
बरेली से कपिल यादव