विजिलेंस की टीम ने 50 हजार की रिश्वत लेते दरोगा को पकड़ा, मुकदमे से नाम हटाने के लिए मांगे थे पांच लाख

बरेली। जनपद के थाना प्रेमनगर मे तैनात दरोगा रामऔतार को एक पीड़ित परिवार से मुकदमें मे नाम निकालने के नाम पर पांच लाख रुपए की रिश्वत मांगना महंगा पड़ा। पीड़ित परिवार ने इतना रुपए देने को मना कर दिया तो जेल भेजने की धमकी दे डाली। परिवार ने मामले की शिकायत विजिलेंस से की। विजिलेंस ने मामले मे दरोगा रामऔतार को नरियावल स्थित उनके आवास पर 50 हजार रुपए लेते गिरफ्तार कर लिया। कैंट थाने मे मुकदमा दर्ज किया गया है। दरोगा रामऔतार को बुधवार को जेल भेज दिया। विजिलेंस टीम के अनुसार किला थाने मे दो माह पहले धोखाधड़ी और जालसाजी का मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मुकदमे मे नाम निकालने को लेकर पुलिस सांठगांठ कर रही थी। मामले की शिकायत एसएसपी से की गई। इसके बाद एसएसपी ने मुकदमे की विवेचना किला से प्रेमनगर थाने को ट्रांसफर कर दिया। जिसकी विवेचना एसआई रामऔतार कर रहे थे। आरोप था। पीड़ित पक्ष का मुकदमा से नाम निकालने और साक्ष्यों के अभाव में मुकदमा खत्म करने के नाम पर पांच लाख रुपए मांगे गए। कहा गया धीरे-धीरे किश्तों मे पैसे देते रहना। पीड़ित परिवार ने रुपए देने को मना कर दिया तो जेल भेजने की धमकी दी गई। पीड़ित परिवार ने मामले की शिकायत विजिलेंस बरेली मे कर दी। इसके बाद भ्रष्टाचार के आरोपों मे घिरे दरोगा रामऔतार की घेराबंदी शुरु की गई। मंगलवार की रात को रामऔतार ने पीड़ित परिवार से 50 हजार रुपए की रिश्वत देने को कहा। कहा नरियावल मे मेरे किराए के मकान पर आकर पैसे देना। वहां विजिलेंस की टीम भी लग गई। जैसे ही दरोगा रामऔतार को 50 हजार दिए गए। वही टीम ने रामऔतार को दबोच लिया। कैंट थाने में भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया। वहां से एसआई रामऔतार को जेल भेज दिया गया है।।

बरेली से कपिल यादव

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