शाहजहांपुर। शहर के बलराम इन दिनों साइकिल पर बनाए गए स्टैंड पर मास्क लटका बेच रहे हैं। वह गली गली जाते हैं। मास्क ले लो मास्क…बोल कर वह बिक्री करते हैं। दिनभर में वह केवल पंद्रह से बीस मास्क ही बेच पाते हैं, क्योंकि तमाम संगठन फ्री में मास्क बांट रहे हैं। बलराम पहले कार ड्राइवर थे। लाकडाउन में मालिक ने कार चलाने से मना कर दिया। कुछ रुपए घर पर थे, उससे खर्चा चलता रहा। रुपये खत्म होने के बाद अपना और परिवार का पेट पालने के लिए बलराम ने घर में मास्क बनवाए और खुद उसे बेचने जाते हैं। जो रुपया मिलता है, उसी से गुजारा होता है।।
– बरेली से कपिल यादव