फतेहगंज पश्चिमी, बरेली। केंद्रीय विद्यालय एयरफोर्स मे शिक्षक इकबाल अख्तर के बेटे मोहम्मद शीमाल खान और बेटी तस्बीहा इकबाल सहित इवानो फ्रेंकिस्क इंस्टीट्यूट से एमबीबीएस कर रहे छात्रों को लेकर रोमानिया बार्डर की ओर सुबह रवाना हुई तीन बसें देर रात बार्डर पर पहुंच गई। इसकी जानकारी दोनों बच्चों ने अपने पिता इकबाल अख्तर को दी। साथ ही वहां की वीडियो और फोटोग्राफ भेजी। वहां सैकड़ों की संख्या भारतीय छात्र बार्डर क्रास करने की अनुमति मिलने का इंतजार खुले आसमान और कड़ाके की ठंड में कर रहे हैं। रोमानिया बार्ड पर तमाम भारतीय छात्र पहले ही पहुंच चुके थे जो 12 घंटे से अधिक समय से रोमानिया में प्रवेश के लिए इंतजार कर रहे है। इकबाल अख्तर ने बताया कि यूक्रेन के हालातों मे फंसे अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर फिक्रमंद थे अब बच्चे रोमानिया बार्डर पर पहुंच गए है पर वहां काफी अफरातफरी के हालात है। बही तस्बीहा ने बताया कि जिदगी और मौत से जूझते हुए भाई ने हमको सुरक्षित लेकर रविवार की सुबह रोमानिया बॉर्डर पर पहुंच गया। वहां 15 घंटे इंतजार के बाद वे बॉर्डर पार करके रोमानिया मे आ गए लेकिन वही पर हम भाई-बहन का साथ छूट गया। पता चला कि अभी सिर्फ लड़कियों को ही एयरपोर्ट भेजा जाएग। इस पर भाई ने हंसते हुए बहन को एयरपोर्ट के लिए विदा किया तो बहन की आंखें डबडबा गई। भाई ने मेरे आंसू पोछे और कहा- अलविदा, परेशान मत हो जल्द ही घर पर मिलेंगे। इसके बाद बहन एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गई। जहां पहुंचने मे उसे 8 घंटे लगेंगे। उसके बाद रोमानिया के अधिकारियों ने शीमाल खान का पासपोर्ट वापस कर कहा कि इंतजार करो आपका भी नंबर आएगा। फिलहाल रोमानिया सरकार का कहना है कि दूसरी प्लाइट से लड़कों को भेजा जााएगा।।
बरेली से कपिल यादव