बुलंदशहर- सिकन्दराबाद रोडवेज़ डिपो में बडे बाबू की डूयूडी को लेकर बाबूओ में घमासान हो गया ।
स्टाफ को गुमराह कर दबंग बाबू ने पेयबिल रजिस्टर पर हस्ताक्षर कर दिए जिससे डिपो में अफरा तफरी मच गयी। डिपो की मुखिया ने अपना पल्ला झाडते हुए दिखाये तैवर ।
बता दे कि उ0प्र0 के जिला बुलंदशहर के तहसील सिकन्दराबाद में उ0प्र0 परिवहन डिपो में डियूटी को लेकर दो बाबूओ में घमासान हो गया। उस दोनों पक्षो व डिपो की मुखिया (ए0आर 0एम) ममता सिंह से पूरे घटना क्रम की पूरी जानकारी की। तब मुखिया जी ने बताया कि बडे बाबू असफाक पिछले 2 माह से मैडिकल की छुट्टी पर चल रहे थे जिसकी छुट्टी 15 /04/2019 को समाप्त हो चुकी थी उसके बाद असफाक डियूटी ज्वाइन करना चाहते थे लेकिन उनके पास सी0एम0ओ का फिटनिस रिपोर्ट कार्ड नहीं है। हमारे विभाग के नियमानुसार मेडिकल लीव के बाद प्रार्थी को ज्वाइन पत्र के साथ सी0एम0ओ का फिटनिस रिपोर्ट कार्ड देना होता है लेकिन बडे बाबू असफाक ने बिना फिटनिस रिपोर्ट के 27 /04/2019 को ज्वाइंन करने हेतू प्रार्थना पत्र दे दिया जिस पत्र पर जीएस0आई0 मंजू लता ने अपनी आला अधिकारी ए0आर0एम साहिबा को नियमानुसार फिटनिस रिपोर्ट लगाकर ज्वाइंन कराने के लिए अपनी रिपोर्ट लगा कर भेज दी और मैडम ने बताया कि 27 अप्रैल 2019 दिन शनिवार को प्रार्थना पत्र दिया था। उसके अगले दिन रविवार 28 /04/2019 को बाबू विजयपाल के डियूटी टाइम में गाडी चैकिंग रुम में दोपहर में लगभग 1बजकर 30 मिनट पर असफाक बाबू जा धमके और अपनी दंबगई दिखाते हुए पेयबिल रजिस्टर पर अपने हस्ताक्षर धडाधड करते चले गए और बताया कि जैसै ही विजयपाल बाबू का डियूटी समय 2बजे का समाप्त हुआ और अशोक बाबू ने चार्ज लेकर डियूटी शुरू की तो असफाक बाबू अपने हस्ताक्षर धडाधड करके वहां से नौ दो ग्यारह हो गये फिर वर्कशाप में जा धमके और सभी स्टाफ को यह महसूस /अवगत कराना चाहते थे कि मैनै डियूटी ज्वाइंन कर ली है। इसी बात को लेकर असफाक बाबू और अशोक बाबू की 28 अप्रैल की शाम को फोन पर गाली -गलोच व धमकी देने की बात करने लगे। इसी को लेकर असफाक बाबू ने एक शिकायत थाने में दी गयी।
दूसरी तरफ जब असफाक से आन कैमरै पर वार्ता की तब उन्होंने कहा कि मैनै डियूटी ज्वाइंन कराने को एक प्रार्थना पत्र बिना फिटनिस रिपोर्ट के जी0एस0आई0 मंजू लता को दिया था। उस पत्र को मंजू लता ने अपनी रिपोर्ट लगा कर ए0आर 0एम0 ममता को नियमानुसार फिटनिस रिपोर्ट लगाकर ज्वाइंन कराने के लिए भेज दिया था। उसके बाद मैनै अपनी हठधर्मी /मर्जी के चलते पेयबिल रजिस्टर के बहुत सारे पैजो पर हस्ताक्षर दनादन कर डाले।
ओर तीसरी तरफ जब जी0 एस 0आई0 मंजू लता से आन कैमरै पर वार्ता की तब उन्होंने कहा कि मैनै डियूटी ज्वाइंन कराने को अपने आला अधिकारी ममता जी को अपनी रिपोर्ट लगा कर भेजनी थी। जो कि अगले दिन रविवार था। जिस कारण नहीं भेज सकी।
इसके अलावा एक और बाबू दुर्जन सिंह से भी आन कैमरै वार्ता हुई तब उन्होंने भी इस प्रकिया को गलत ठहराते हुए कहा कि बिना सी0एम0ओ की फिटनिस रिपोर्ट के डियूटी ज्वाइंन नही करा सकते है ऐसा कोई कानून नही है यह सब कुछ गलत तरीका है जो असफाक बाबू ने अपनाया है। बताया कि रविवार को कभी भी डियूटी ज्वाइंन नही करायी जाती है।
उपरोक्त प्रकरण पर ए0आर0एम ममता ने अपना पल्ला झाडते हुए साफ इंकार कर दिया कि मैने असफाक को डियूटी ज्वाइंन कराने की अनुमति नहीं दी है। असफाक ने सभी स्टाफ को गुमराह करके 420 से पेयबिल रजिस्टर पर अपने हस्ताक्षर धडाधड करके कानून की आँखों में धूल झोंकी है। क्योंकि रविवार को कभी भी डियूटी ज्वाइंन नही करायी जाती है।