बरेली। जनपद मे रोडवेज बसों की मरम्मत के नाम पर लाखों रुपये का घपला किया गया। जो बसे बरेली डिपो की नही है। उनकी मरम्मत के बिल भी पास कर दिए। गैरजरूरी काम दिखाकर भी भुगतान लिया गया। इसका खुलासा होने पर जांच शुरू हो गई है। हादसे के बाद क्षतिग्रस्त रोडवेज बस थाने मे खड़ी रही। इधर कार्यशाला मे उसकी मरम्मत के नाम पर बिल पास होते रहे। छह ऐसी बसों की भी मरम्मत दर्शायी गई है जो रोडवेज के बेड़े में शामिल ही नहीं हैं। 150 से ज्यादा बसों में गैरजरूरी काम दर्शाकर बिल पास कराए गए हैं। अब लाखों रुपये का घपला सामने आने के बाद अधिकारियों का कहना है कि संबंधित फर्म के भुगतान से दो बार मे सात लाख रुपये की कटौती की गई है। बरेली परिक्षेत्र के बरेली और रुहेलखंड डिपो की बसों की मरम्मत का जिम्मा निजी फर्म को सौंपा गया है। जिन बसों की मरम्मत होती है। उनके नंबर सहित किए गए कार्यों को दर्शाते हुए निजी फर्म बिल देती है। संबंधित डिपो के सीनियर फोरमैन और एआरएम इस बिल का सत्यापन करते है इसके बाद उसे सेवा प्रबंधक के पास भेजा जाता है। सेवा प्रबंधक की संस्तुति के बाद उसका भुगतान हो जाता है। बरेली डिपो मे बीते छह महीने से बसों की मरम्मत के नाम पर फर्जी बिल तैयार किए जा रहे हैं। डिपो स्तर से इन फर्जी बिलों को सत्यापन के बाद पास भी किया जा रहा है। बरेली डिपो की बस संख्या यूपी 25 बीडी 1990 सात अगस्त को दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद 15 दिन थाने मे खड़ी रही लेकिन बरेली डिपो में इस बस की मरम्मत का बिल बना दिया गया। जिम्मेदारों ने उसे पास भी कर दिया। कुछ बसे बरेली डिपो के बेड़े मे ही नही है। इन बसों की भी मरम्मत कर बिल बना दिए गए। सीनियर फोरमैन ने इनको पास भी कर दिया। सेवा प्रबंधक ने जांच की तो पता लगा कि सितंबर में सात लाख रुपये से ज्यादा के बिलों में अनियमितताएं है। 59 हजार रुपये से ज्यादा के एक अन्य बिल का भी सत्यापन कर दिया गया। अगस्त के बिलों मे भी बड़े स्तर पर गड़बड़ी पाई गई। परिवहन निगम के सेवा प्रबंधक धनजी राम ने बताया कि कुछ गलत बिल आए थे। उनका भुगतान नहीं किया गया है। संबंधित फर्म के भुगतान से एक बार चार और एक बार तीन लाख रुपये की कटौती की गई है। बिलों में गड़बड़ी को लेकर सीनियर फोरमैन को नोटिस भी दिया गया है। मामले की जांच की जा रही है। जरूरी कार्रवाई की जाएगी।।
बरेली से कपिल यादव