मिर्जापुर- स्टेशन पर रोजाना सैकड़ों लोग जिंदगी खतरे में डालकर रेलवे ट्रैक पार करते हैं। रेलवे ट्रैक पार करते समय ट्रेन की चपेट में आने से कई लोगों की जान भी जा चुकी है। इसके बावजूद न तो यात्री सबक लेने को तैयार हैं और न ही जीआरपी और रेलवे प्रशासन इस ओर ध्यान दे रहा है। इतना ही नहीं, लापरवाही का यह मंजर रेलवे फाटकों पर भी नजर आता है। लोग ट्रेन के गुजरने का इंतजार करने की बजाय बंद फाटक के नीचे से वाहन निकालने की जद्दोजहद में लगे रहते हैं। इलाहाबाद – मुगलसराय रूट पर आने वाले स्टेशन मीरजापुर से दिन भर ट्रेनों की आवाजाही लगी रहती है। खासकर मालगाड़ी और कई गाड़िया तो यहां पर बिना रोके ही निकाली जाती हैं। इस रूट पर ट्रेनों की गति 60 से 90 किलोमीटर प्रति घंटा रहती है। रेलवे स्टेशन पर एक पुल भी बना हैं। इसके बावजूद अधिकांश यात्री एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन तक पहुंचने के लिए रेलवे लाइन से होकर गुजरते हैं। विडंबना यह है कि जिन यात्रियों के साथ छोटे बच्चे होते हैं, वो भी सुरक्षा नियमों की पालना नहीं करते। महिलाओं और बुजुर्गोँ समेत हर आयु वर्ग के लोग रेलवे लाइन से होकर एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म तक पहुंचने की होड़ में दिखते हैं। यही आलम रेलवे फाटक पर है। वाहन चालक ट्रेन के गुजरने का इंतजार करने की बजाय फाटक के नीचे से वाहन निकालना शुरू कर देते हैं। ट्रेन के बिल्कुल पास आने तक भी यह सिलसिला चलता रहता है। सजा का है प्रावधान लापरवाही से रेलवे लाइन क्रास करने पर रेलवे एक्ट-147 के तहत अभियोग दर्ज होता है। इसमें छह महीने की सजा और एक हजार रुपये तक जुर्माना का प्रावधान है। लेकिन रेलवे द्वारा किसी प्रकार का किसी के ऊपर कोई जुर्माना नही लगाया जाता।जिससे लापरवाही करके रेलवे ट्रैक क्रॉस करने वाले लोगों पर शिकंजा कसा जा सके।लोग नहीं मानते लेकिन अगर जुर्माने का प्रावधान है तो रेलवे पुलिस द्वारा उसको सख्ती से लागू करवाया जा सकता है ।जिससे सैकड़ो लोगो का जीवन बचाया जा सकती है।
रिपोर्ट -बृजेन्द्र दुबे, मिर्जापुर