रेल राज्य मंत्री की अध्यक्षता में फसल अवशेष प्रबंधन की कार्यशाला हुई संपन्न

आज़मगढ़- कोटवा स्थित कृषि महाविद्यालय के परिसर में संचार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं रेल राज्य मंत्री, भारत सरकार, मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में कृषि विभाग द्वारा आयोजित फसल अवशेष प्रबंधन की कार्यशाला का आयोजन संपन्न हुआ। कार्यशाला को संबोधित करते हुए संचार राज्य मंत्री ने कहा कि फसल अवशेष प्रबंधन से न केवल प्रदूषण से मुक्ति मिलेगी अपितु मिट्टी में लाभकारी जीवांश पदार्थों का संरक्षण होगा और फसल अवशेष को बेहतर तरीके से प्रबंध किए जाने से कृषि की अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी।
उन्होने कहा कि फसलों के अवशेष कृषकों द्वारा जलाए जाने से उत्पन्न पर्यावरण संकट एवं मिट्टी में उपलब्ध करोड़ों की संख्या में लाभकारी जीवाणु पर प्रतिकूल प्रभाव के दृष्टिगत माननीय राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा इसको गंभीरता से लिया है और कृषकों द्वारा अवशेष जलाए जाने पर अर्थदंड लगाए जाने के साथ-साथ नव विकसित कृषि यंत्रों पर 40 से 50 प्रतिशत तक अनुदान विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश की बड़ी आबादी कृषि पर आधारित है और अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए कृषि का सुदृढ़ीकरण करके 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का संकल्प माननीय प्रधानमंत्री जी ने लिया है। इसके लिए किसानों के हितार्थ विभिन्न प्रकार की योजनाएं संचालित की जा रही हैं, कृषकों को उनकी उपज का उचित मूल्य प्राप्त हो रहा है, और अनाज बिक्री की धनराशि उनके सीधे खाते में जा रही है।
उन्होंने कहा कि कृषि में सिंचन क्षमता एवं क्षेत्र में वृद्धि करने के लिए भारत सरकार द्वारा बड़ी 37 पर परियोजनाओं को पूर्ण कर लिया गया है। अन्य पर तेजी से काम हो रहा है। इसी प्रकार उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता, किसान क्रेडिट कार्ड, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना एवं सभी किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित कर आवश्यकतानुसार संतुलित उर्वरकों का प्रयोग किए जाने पर बल दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज के युग में कृषि में मशीनों का उपयोग आवश्यक है। इसके उपयोग से कृषि एवं किसान की दशा बदलेगी, किसान समृद्ध होगा तो देश का विकास होगा। कार्यक्रम प्रारंभ करने से पूर्व कृषि विभाग द्वारा कृषि, उद्यान, पशुपालन, इफको एवं निजी क्षेत्रों के फर्मों द्वारा लगाए गए कृषि यंत्रों के स्टॉल का अवलोकन किया तथा किसानों के हितार्थ संचालित विभिन्न योजनाओं में अनुमन्य सुविधाओं की जानकारी प्राप्त की। माननीय मंत्री द्वारा कुल 5 किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किया गया। इसी प्रकार अनुदानित दर पर कुल 5 कृषकों को जिंक सल्फेट वितरित किया गया।
उप कृषि निदेशक डॉ आर के मौर्य द्वारा कृषि विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं में अनुमन्य अनुदान की जानकारी देते हुए बताया गया कि अब तक विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत लाभान्वित कुल 15418 किसानों को अनुमन्य अनुदान की धनराशि लगभग 3800000 रुपए डीबीटी के माध्यम से उनके खाते में अंतरित की गई है। उप कृषि निदेशक द्वारा मृदा स्वास्थ्य कार्ड, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, सोलर पंप, वर्मी कंपोस्ट यूनिट स्थापन, किसान क्रेडिट कार्ड के बारे में विस्तार से जानकारी दी तथा फसल अवशेष प्रबंधन हेतु उपयोगी विभिन्न प्रकार के कृषि यंत्रों के बारे में अवगत कराया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय फैजाबाद के प्रसार निदेशक ने बताया कि आजमगढ़ में विश्वविद्यालय का नया परिसर कृषि महाविद्यालय के रुप में स्थापित हो जाने से क्षेत्र के छात्रों को लाभ मिलेगा। जल्द ही आवश्यक सभी संसाधन उपलब्ध करा दिए जाएंगे और पूरी क्षमता के अनुसार सत्र चला जाने का आश्वासन दिया। इस मौके पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, अटारी, कानपुर के निदेशक डॉक्टर यू एस गौतम, कृषि महाविद्यालय कोटवा के संकाय अध्यक्ष डॉक्टर आर के दोहरे, कृषि विज्ञान केंद्र कोटवा के कार्यक्रम समन्वयक डॉ आर के सिंह, वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर एल सी वर्मा, डॉक्टर आरपी सिंह, डॉ रणधीर नायक आर के आनंद, डॉ डी के पांडे तथा अन्य वैज्ञानिक व अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन कमला सिंह ने किया। इस गोष्ठी कार्यशाला में जनपद के विभिन्न क्षेत्रों से आए हुए लगभग 500 किसानों ने प्रतिभाग कर कार्यशाला का लाभ लिया।

रिपोर्ट-:राकेश वर्मा आजमगढ़

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