रुकावटों को तोड़कर नए नामक स्थापित कर रहे पैरा एथलीट्स – PM मोदी

• युवा मामले और खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने डब्ल्यूपीएसी का उद्घाटन घोषित किया।
• टीम इंडिया इस बार रिकॉर्ड 74 पैरा एथलीट्स के साथ मैदान में उतरेगी। यह अब तक का भारत की धरती पर सबसे बड़ा पैरा स्पोर्ट्स इवेंट होगा।
• भारत, एशिया का चौथा देश बनेगा जो कतर, यूएई और जापान के बाद डब्ल्यूपीएसी की मेज़बानी करेगा।
• इसमें 104 देशों के 2200 से ज्यादा प्रतिभागी हिस्सा लेंगे। प्रतियोगिता का समापन 5 अक्टूबर को होगा।

लखनऊ – भारतीय खेलों के लिए ऐतिहासिक दिन पर माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इंडियनऑयल नई दिल्ली 2025 वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप की मेज़बानी से दुनिया के सामने भारत को एक “खेलप्रेमी और समावेशी” राष्ट्र के रूप में दोहराया जाएगा। डब्ल्यूपीएसी 2025 का उद्घाटन समारोह गुरुवार शाम प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित किया गया।
करीब 100 देशों से आए 2,200 प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए पीएम मोदी ने एक विशेष संदेश में कहा , “पैरा एथलीट्स ने बाधाएँ तोड़कर और नए मानक स्थापित करके भारत की पहचान को एक उभरते स्पोर्टिंग हब के रूप में मज़बूत किया है। उन्होंने लाखों लोगों को खेल को जीवन का हिस्सा बनाने के लिए प्रेरित किया है।”
भारत, कतर (2015), यूएई (2019) और जापान (2024) के बाद वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप की मेज़बानी करने वाला चौथा एशियाई देश बना है। यह आयोजन पैरा ओलंपिक कमिटी ऑफ इंडिया द्वारा किया जा रहा है।
भारत को डब्ल्यूपीएसी 2025 की मेज़बानी पर गर्व है, यह कहते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “खेल लोगों को जोड़ने का सबसे बेहतरीन माध्यम है, जो धर्म, क्षेत्र और राष्ट्रीयता जैसी सारी बाधाओं से ऊपर उठाता है। आज की दुनिया में खेल के इस जोड़ने वाले पहलू पर ज़ोर देना और भी ज़रूरी है। मुझे पूरा विश्वास है कि डब्ल्यूपीएसी का ऐसा ही प्रभाव सभी प्रतिभागियों और दर्शकों पर पड़ेगा।”
इस भव्य उद्घाटन समारोह में माननीय युवा मामले और खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया, माननीय युवा मामले और खेल राज्य मंत्री श्रीमती रक्षा खडसे, माननीय दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता, माननीय सांसद श्रीमती कंगना रनौत, माननीय दिल्ली के शिक्षा मंत्री श्री अशिष सूद, वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स के अध्यक्ष श्री पॉल फिट्ज़गेराल्ड सहित अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।
डब्ल्यूपीएसी, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में नए बिछाए गए मोंडो ट्रैक पर होने वाला पहला आयोजन होगा। यह ट्रैक नीले रंग की शेड्स में बना है और इसका उपयोग पेरिस पैरालिंपिक्स 2024 में भी किया गया था। इसका उद्घाटन 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस पर डॉ. मांडविया ने किया था। गुरुवार को स्टेडियम परिसर में डॉ. मांडविया ने एक मोंडो वार्म-अप ट्रैक और एक मल्टी-स्पेशलिटी जिमनैजियम का भी उद्घाटन किया, जहाँ एक साथ 200 से अधिक खिलाड़ी अभ्यास कर सकते हैं।
डॉ. मांडविया ने डेब्यूपीएसी का उद्घाटन घोषित करते हुए कहा, “भारत के लिए ये वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप गर्व, प्रगति और उद्देश्य की बात है। हमने अब तक का सबसे बड़ा 74 पैरा एथलीट्स का दल तैयार किया है, जो यह साबित करता है कि पैरा स्पोर्ट्स हमारे देश में कितनी गहराई से जड़ें जमा चुके हैं। सुमित अंतिल, प्रीति पाल, दीप्ति जीवनजी, धरमबीर नैण और प्रवीन कुमार जैसे चैम्पियंस अपने ही देश की धरती पर मुकाबला करेंगे।”
डब्ल्यूपीएसी के कार्यक्रम 27 सितंबर से शुरू होंगे। इसमें 186 स्वर्ण पदक जीतने के लिए उपलब्ध होंगे। श्री फिट्ज़गेराल्ड ने कहा, “स्टेडियम में मौजूद दर्शक और पूरी दुनिया की ग्लोबल ऑडियंस उन एथलीट्स की प्रतिभा का अनुभव करेगी, जो नई सुविधाओं में अपनी क्षमता, गति और ताकत को निखारने के लिए मुकाबला करेंगे। हाँ, विश्व रिकॉर्ड टूटेंगे। हाँ, विश्व चैम्पियंस का ताज सजेगा। लेकिन हर एथलीट अपने राष्ट्रीय गान के साथ पदक विजेता बनने का सपना पूरा नहीं कर पाएगा। यहाँ कई जीतें होंगी, लेकिन कई निराशाएँ भी। मैं सभी से आग्रह करता हूँ कि वे इन सभी भावनाओं को एथलीट्स के साथ महसूस करें।”
डब्यूपीएसी की मेज़बानी भारत की वैश्विक खेल आयोजन की क्षमता और बड़े मल्टी-स्पोर्ट चैम्पियनशिप आयोजित करने की तैयारी का हिस्सा है। डॉ. मांडविया ने कहा, “हम 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स की योजना में गहराई से लगे हुए हैं और 2036 में ओलंपिक गेम्स की मेज़बानी करने की दिशा में भी नजरें जमाए हुए हैं, जो इंफ्रास्ट्रक्चर, अवसर और अनगिनत युवाओं के खेल सपनों को तेजी से आगे बढ़ाएगी। जैसा कि प्रधानमंत्री ने कहा है, ‘खेल न केवल चैम्पियंस बनाता है; यह शांति, प्रगति और स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देता है।’ यही हमारे खेल के सफर का मार्गदर्शक प्रकाश है।”
डॉ. मंडाविया ने यह भी कहा कि डब्ल्यूपीएसी क्षमता बढ़ाने में मदद करेगा। उन्होंने कहा, “सिर्फ़ इन्फ्रास्ट्रक्चर या महत्वाकांक्षा से आगे एक और गहरी चीज़ है, और वो है सोच का बदलाव। हम ऐसे स्थान छोड़ेंगे जो सभी के लिए सुलभ होंगे, पैराएथलीट्स के लिए मजबूत सपोर्ट सिस्टम बनेगा, और खेल में समान अवसर के बारे में देश में नई बातचीत शुरू होगी। यही असली नतीजे हैं जो पदक मिलने के बाद भी लंबे समय तक रहेंगे।”
भारत के शीर्ष एथलीट, जिनमें कई पैरालिंपिक पदक विजेता और अपनी-अपनी श्रेणियों में विश्व चैम्पियन हैं, नेहरू स्टेडियम में घरेलू माहौल का पूरा आनंद लेते हैं। कोबे, जापान में भारत ने वर्ल्ड पैराएथलेटिक्स चैंपियनशिप में अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन किया, जहाँ उन्होंने 17 पदक अपने नाम किये, जिसमें 6 स्वर्ण, 5 रजत, 6 कांस्य पदक शामिल थे और कुल मिलाकर 6वां स्थान हासिल किया। 2023 में पेरिस में हुई प्रतियोगिता में भारत ने पहले ही अपना रिकॉर्ड तोड़ते हुए 10 पदक (3 स्वर्ण, 4 रजत, 3 कांस्य) जीते थे, जिससे आगे के शानदार प्रदर्शन की तैयारी हो गई।
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के पैरा स्पोर्ट्स में बढ़ती सफलता की तारीफ की। उन्होंने कहा, “पैराएथलीट्स के अद्भुत प्रदर्शन ने हिम्मत और संकल्प का नया अर्थ स्थापित किया है, और पूरी दुनिया में खिलाड़ियों और आम लोगों दोनों को प्रेरित किया है। उनकी उपलब्धियों ने यह विश्वास जगाया है कि कोई भी चुनौती असंभव नहीं है।”

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