रिश्तों के आड़ में छुपे स्वार्थ को दर्शाते नाटक ‘और मर गया लीलाराम’ का थिएटर फेस्ट के पहले दिन हुआ मंचन

बरेली। थिएटर अड्डा में रंगालय एकेडमी ऑफ आर्ट एंड कल्चर सोसायटी के तत्वावधान मे तृतीय 15 दिवसीय थिएटर फेस्ट के पहले दिन अभिनायक रंगमंच दिल्ली के कलाकारों ने नाटक “और मर गया लीलाराम” का मंचन किया।

अमूल सागर नाथ द्वारा लिखित एवं रितिका मल्होत्रा द्वारा निर्देशित नाटक में रिश्तों के आड़ में छुपे स्वार्थ को ताना बाना बनाकर परिवार के दरकने के हालात को दर्शाया गया। नाटक एक ऐसे परिवार की जीवनशैली को मंच पर प्रस्तुत करता है। नाटक का केंद्रबिंदु यही रहता है कि आजकल लोग रिश्तों से कम लेकिन उनके पीछे स्वार्थ के बनावटी ढोंग करते है।

ये नाटक हास्य के साथ अपना संदेश देते हुए दर्शको के सामने सवाल खड़ा करता है कि आज परिवार में भी व्यापार है। नाटक दिखाता है कि आज हर परिवार मे एक लीलाराम है जो स्वार्थ के रिश्तों के मकड़जाल मे जीने के लिए संघर्षरत है।

नाट्य मंचन से पहले डॉ. विनोद पागरानी, धर्मेंद्र गुप्ता, पार्षद राजेश अग्रवाल ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम का संयोजन शैलेन्द्र आज़ाद ने किया।

कार्यक्रम में राहुल, शौर्य सक्सेना, शालिनी गुप्ता, कमल शर्मा, सुशील सक्सेना, मोहित सक्सेना, मानस सक्सेना, सचिन श्याम भारतीय का विशेष सहयोग रहा।

लोक खुशहाली चैरिटबल ट्रस्ट के सभागार में 15 दिन तक चलने वाले इस थिएटर फेस्ट मे कल दूसरे दिन प्रयागराज की टीम नाटक “डेढ़ इंच ऊपर” का मंचन करेगी

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