राजस्थान/बाड़मेर- राजस्थान में इन दिनों सरकारी कार्यालयों, विद्यालयों और आगनवाडियो में लम्बे समय से जर्जर पड़े भवनों व मुख्य द्वारों से कई मासूम बच्चे काल का ग्रास बन रहे हैं। झालावाड़ के बाद जैसलमेर के पूनम नगर विद्यालय में एक मासूम बच्चे की जान लंबे समय से क्षतिग्रस्त गेट ने ले ली हालांकि इसके पीछे जिला प्रशासन और यह सिस्टम जिम्मेदार है। पूनम नगर के पास स्थित खुईयाला गांव के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय का मुख्य द्वार विगत चार वर्षों से क्षतिग्रस्त हैं वहीं विद्यालय के आगे अतिक्रमण कर बड़े पत्थर व मलबे डाल दिये गए हैं। चार वर्ष पूर्व पंचायत के कार्य के दौरान ट्रक की टक्कर से विद्यालय का मुख्य द्वार टूट गया था लेकिन पंचायत चार वर्ष बाद भी मुख्य द्वार का निर्माण करना भूल गई।
गौरतलब है कि पूर्व विधायक रूपाराम धनदेव द्वारा खुईयाला विद्यालय के मुख्य द्वार व चारदीवारी के लिए तीन लाख रुपये की राशि विधायक कोष से दी गई लेकिन इस राशि की बंदरबांट कहाँ और किसने की । इस बारे में प्रशासन के पास कोई जानकारी नहीं हैं। मासूम बच्चों के लिए दी गई राशि भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। विगत वर्ष से मुख्य द्वार से हादसे को लेकर कई बार समाचार पत्रों व पत्रों के माध्यम से अवगत करवाया गया जिस पर जांच कमेटियां भी आई लेकिन स्थिति जस की तस है। जांच कमेटियों के बाद पंचायत ने मुख्य द्वार की जगह तीन बड़े पिलर लाकर बिना किसी सहारे के खड़े कर दिए हैं जो कि कभी भी किसी बच्चे की मौत का कारण बन सकते है ।
गौरतलब है कि खुईयाला विद्यालय के क्षतिग्रस्त मुख्य द्वार व अतिक्रमण से बच्चों की सुरक्षा को खतरे में देखते हुए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग नई दिल्ली ने जैसलमेर जिला कलेक्टर को बीस दिन पूर्व ही नोटिस देकर उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे लेकिन जिला प्रशासन द्वारा कोई उचित कार्रवाई नहीं करने से पूनम नगर में एक बच्चे को अपनी जान गंवानी पड़ी वहीं आज भी जिला प्रशासन खुईयाला विद्यालय में पढ़ने वाले मासूम बच्चों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहा हैं।
खुईयाला विद्यालय के आगे अतिक्रमण व क्षतिग्रस्त मुख्य द्वार से बच्चों की सुरक्षा के खतरे को देखते हुए आरटीआई कार्यकर्ता फकीराराम सोलंकी ने उच्च स्तरीय आवाज उठाई तो अतिक्रमियों ने जानलेवा हमला कर अपहरण कर लिया। इस घटना के बाद ग्रामीणों ने जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन भी किया लेकिन जिला प्रशासन ने झूठी जांच रिपोर्ट की सिवाय बच्चों की सुरक्षा के लिए कोई कठोर कदम नहीं उठाया जिससे पास स्थित पूनम नगर गांव में एक गरीब परिवार का बच्चा सिस्टम के हाथों मारा गया।
जैसलमेर जिले में स्कूली बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग त्वरित संज्ञान लेते हुए जैसलमेर कलेक्टर को स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे लेकिन प्रशासन तब तक कार्यवाही नहीं करता जब तक कोई मासूम बच्चा हादसे का शिकार न हो जाए।
सरकारी विद्यालयों में लगातार मासूम बच्चों को अपनी जान गंवानी पड़ रही है तथा लापरवाह भ्रष्ट अधिकारियों के विरुद्ध कोई सख्त कार्यवाही नहीं की जा रही है। खुईयाला विद्यालय के मामले की उच्च स्तरीय जांच कर शिक्षा विभाग व पंचायती राज विभाग के लापरवाह अधिकारियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की मांग की गई हैं वहीं जिले भर में क्षतिग्रस्त सरकारी भवनों से होने वाली अनहोनी घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन को सख्त कदम उठाने आवश्यक हैं।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के नोटिस के बाद एक्स पर भी जैसलमेर जिला प्रशासन द्वारा समय रहते उचित कार्रवाई नहीं करने पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ,पूर्व मंत्री हरीश चौधरी सहित कई नेताओं और सरकारी कार्यालयों – स्कूलों, आगनवाडी की जलभराव जर्जरावस्था को दुरस्त करने की मांग कर रहे हैं साथ ही जैसलमेर प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
– राजस्थान से राजूचारण