राष्ट्रवाद की विचार धारा व मूल्यों से समझौता न करने  वाली पार्टी है भाजपा :अशोक

भदोही-नगर के मेन रोड मोहल्ला चकसैफ स्थित रामा शिव मंदिर के पास शुक्रवार को भाजपा नगर इकाई ने पार्टी की 39 वां स्थापना दिवस भाजपा नगर अध्यक्ष प्रिंस गुप्ता की अध्यक्षता में बड़े ही धूम धाम से मनाई। कार्यकर्ताओ ने एक दुसरे को मिठाई खिला कर मुंह मीठा कराया। इस दौरान जूटे कार्यकर्ताओ ने पार्टी के नीतियो विचारो पर चर्चा कर आत्मसात करने की शपथ ली। कार्यक्रम में आये मुख्य अतिथि नगर पालिका अध्यक्ष अशोक कुमार जायसवाल ने कहा भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रवाद की विचार धारा और मूल्यों सिद्धांतो वाली पार्टी है। कहा कांग्रेसियो ने मुसलमानों के अंदर भय पैदा किया तो सपा बसपा ने देश मे पिछड़ी अति पिछड़ी दलित यानी देश को तोड़ने बांटने का मुहिम चला रही है जो देश को खोखला करने पर तुले हुए है मगर हम भारतीय जनता पार्टी के लोग ऐसा कभी नही होने देंगे। कहा भाजपा समाज के अंतिम व्यक्ति के खुशहाली उनके उत्थान की बात तथा विकास करने का काम करती है। श्री जायसवाल ने अतीत की बातों को दुहराते हुए कहा कि 6 अप्रैल 1980 को भारतीय जनता पार्टी की स्थापना हुई। उस समय कांग्रेस बड़ी और पुरानी पार्टी के रुप में थी।लेकिन
भाजपा खुद को राष्ट्रीय पार्टी के रूप में स्थापित करने में कामयाब रही। सन् 1952 में डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नेतृत्व में जनसंघ की स्थापना हुई थी, लेकिन उन दिनों पार्टी का आधार काफी सीमित था, पार्टी ने सदैव संघर्ष किया।1977 में जेपी आंदोलन के बाद जब विभिन्न दलों को मिलाकर जनता पार्टी की सरकार बनी तो जनसंघ भी इसमें शामिल हुई, इस सरकार में दो मंत्री बने-अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी. अटल बिहारी वाजपेयी विदेश मंत्री बने, वहीं लालकृष्ण आडवाणी को सूचना प्रसारण मंत्रालय मिला, थोड़े ही दिनों में जनता पार्टी की सरकार में अंतर्कलह शुरू हो गया. मोरारीजी देसाई के नेतृत्व में बनी यह सरकार ज्यादा दिनों तक चल नहीं पायी।और जनसंघ ने खुद को सरकार से अलग कर लिया जनसंघ अब भारतीय जनता पार्टी बन गयी थी। आमतौर पर राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ को भारतीय जनता पार्टी के मातृसंस्था के रूप में देखा जाता है। श्री जायसवाल ने कहा बतौर राजनीतिक पार्टी भाजपा के संगठन का काम लालकृष्ण आडवाणी देखते थे लेकिन पार्टी का चेहरा अटल बिहारी वाजपेयी थे। श्री वाजपेयी की छवि अपेक्षाकृत ज्यादा उदार थी, यह देश में मंडल कमीशन का दौर था, लिहाजा राजनीतिक उथल-पुथल के दौर में सभी पार्टियां अपना अस्तित्व तलाश रही थी। उन दिनों भाजपा के लिए खुद को प्रासंगिकता बनाये रखने की चुनौती थी उसी दौरान लालकृष्ण आडवाणी ने युवा चेहरो को जिम्मेदारी दी।आज 22 राज्यो में सरकारे है। कहा 1996 में अटलजी के नेतृत्व में केंद्र में पहली बार भाजपा की सरकार बनी, लेकिन बहुमत नहीं होने के कारण अल्प समय ही रही। फिर 1998 में अटलजी दूसरी बार सरकार में आये अपनी विकास यात्रा के इस मोड़ पर भाजपा ने अपनी सामाजिक-राजनीतिक स्वीकार्यता बढ़ाने के लिए कई क्षेत्रीय पार्टी से गठजोड़ किया, इसमें समता पार्टी के नीतीश कुमार, बसपा की मायावती, बीजद के नवीन पटनायक आदि प्रमुख हैं,भाजपा की विकास यात्रा का एक अौर अहम पड़ाव रहा पहली बार दक्षिणी राज्य कर्नाटक में येदुरप्पा के नेतृत्व में सरकार बना पर अपने विरोधाभाष के कारण यह सरकार नहीं चली आज भारतीय जनता पार्टी केंद्र में अपने दम पर सत्ता में है। नरेंद्र माेदी-अमित शाह के नेतृत्व वाली भाजपा सबका साथ-सबका विकास का नारे के साथ देश को मजबूत दिशा में ले जा रही है।कार्यक्रम का संचालन अजय दुबे ने किया। इस अवसर पर मुख्य रूप से राजीव चौरसिया विनीत बरनवाल , गिरधारी जायसवाल, अखंड प्रताप सिंह, दीपू विश्वकर्मा, सत्यशील जायसवाल, प्रदीप कुमार गुप्ता दया मौर्य, सुभाष मौर्य, कमलेश जायसवाल, सुरेश जायसवाल, ओमप्रकाश श्रीवास्तव, अंकुश विश्वकर्मा, रमेश जायसवाल, महेंद्र दुबे राम नरेश यादव प्रभु सेठ आदि उपस्थित रहे।
-पत्रकार ,आफ़ताब अंसारी

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