राकेश टिकैत बोले- किसानों की जमीन हड़पकर पूंजीपतियों को देना चाहती है सरकार, वोट चोरी के मुद्दे पर भी घेरा

बरेली। मंगलवार को भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने किसानों को अपनी जमीन सरकार से बचा लेने पर जोर दिया। कहा कि सरकार किसानों की जमीन के पीछे पड़ी है। उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के वोट चोरी के मुद्दे का समर्थन किया। कहा कि वोट चोरी तो 2013 से ही शुरू हो गई थी। पांच साल पहले ही उन्होंने कह दिया था कि सबसे पहले बिहार में वोट चोरी हुई थी। फिर यूपी और पूरे देश में वोट की चोरी हुई है। टिकैत ने कहा इत्तिफाक देखो, ठीक 20 साल पहले इसी तारीख को, इसी जगह पर हम आए थे। अब फिर वही तारीख और वही दिन, वही महीना है। फर्क सिर्फ इतना है कि साल 20 बढ़ गए। टिकैत ने नेहरू युवा केंद्र पार्क मे हुई किसान महापंचायत को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि किसानों के प्रति सरकार की नीति बहुत खतरनाक है, उससे बचकर रहना। सरकार चाहती है कि किसान को खेती में नुकसान हो। वह अपनी खेती बेचें। वह अपनी जमीन से नफरत करने लगे। इसलिए किसानों को दिल्ली पर निगाह रखनी होगी। दिल्ली की कलम बेइमान है, जो किसान का भाव देती है। टिकैत ने कहा कि किसानों पर फर्जी मुकदमे लगा रहे। फसलों के दाम मिल नही रहे। स्वामीनाथ कमेटी रिपोर्ट में टू-प्लस फिफ्टी वाला फार्मूला, उस पर कोई काम नहीं हो रहा है। किसानों को एकजुट होना पड़ेगा। उन्होंने विकसित भारत बनाने की राह में सवाल उठाया कि क्या किसान की जमीन लेकर उस पर हाईवे बनाने से भारत विकसित हो जाएगा? उन्होंने सड़कों पर घूम रहे छुट्टा गोवंशों के संबंध में कहा कि गोशाला के नाम पर चंदा लिया जा रहा है। गोशाला के नाम पर व्यापारियों को जमीन दी गई है और वह गाय एक पालते नहीं, उस जमीन पर धंधे कर रहे है। राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि बिहार का धान 800 रुपये क्विंटल आएगा और यहां की मंडियों में बिकेगा। यहां थोड़े दिन पहले धान मंडियों में बिक रहा था, जबकि उत्पादन हो नहीं रहा तो आ कहां से रहा है? शाहजहांपुर, रामपुर, मुरादाबाद और तराई वाले क्षेत्र में जब धान खत्म हो जाता है तो भी इन क्षेत्रों में एमएसपी पर धान की खरीद होती है, कोई पूछेगा कि उस बीच में धान कहां से आ रहा है। पत्रकार वार्ता में एक सवाल के जवाब में टिकैत ने कहा कि वैचारिक क्रांति होगी।।

बरेली से कपिल यादव

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *