रसोइयों ने मांगा आठ माह का बकाया मानदेय, कहा – शोषण बर्दाश्त नहीं

बदायूं, बरेली। राष्ट्रीय मध्यान भोजन रसोईया कर्मी वेलफेयर एसोसिएशन डॉ भीमराव अंबेडकर पार्क में महिला सशक्तिकरण दिवस से एक दिन पूर्व बैठक हुई। बैठक में बोलते हुए समिति के जिला संयोजक राकेश सोलंकी ने बताया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकारी व अर्द्ध सरकारी प्राइमरी स्कूलों मे मिड-डे- मिल (MDM) बनाने वाले रसोइयों के पक्ष में ऐतिहासिक फैसला देते हुए सभी रसोइयों को न्यूनतम वेतन का भुगतान करने का निर्देश सरकार को दिया है। सह संयोजक संचित सक्सेना बताया कि हाईकोर्ट ने कहा है कि सरकार न्यूनतम वेतन से कम वेतन नहीं दे सकती। केंद्र व राज्य सरकार को चार माह के भीतर न्यूनतम वेतन तय कर 2005 से अब तक सभी रसोइयों को वेतन अंतर के बकाये का निर्धारण करने का आदेश दिया है। जिला सचिव सायशा ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश को लागू कराने को हर रसोइया जिलाधिकारी को पत्र देंगी। ब्लॉक वजीरगंज संयोजक राजवती ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश से रसोइयों की जिन्दगी बदल जाएगी। उन्होंने सभी रसोइयों से संगठन में शामिल होकर संघर्ष आगे बढ़ाने की अपील की है। कार्यक्रम में सुनीता, ईश्वर देवी,आशा मुन्नी देवी, जलधारा,संगीता, प्रेमवती, सुशीला,राज दुलारी, मोरकली, रामा देवी, सावित्री, सुकमा, रेशमा, सोमवती, जगबीर, गंगा देवी, रामवती, पीतम,रामप्यारी, सरोज, भगवान देवी, दुर्गेश, नन्ही, मोहनलाल , संगीता, राजपाल, रजनीश, रेखा, शीला, कांति, भूरी, तुलसी, कन्यावती, सीमा, पिंकी, कुसमा, गंगा देवी, भगवान देवी, सर्वेषा, सुषमा, बिमला, राधा, मोरकली, मुन्नी देवी, राम दुलारी , सरस्वती, विठोलादेवी, मानमती, अनेक श्री, रामवती, सोमवती, शरबती, पिंकी, मधुबाला, समेत दर्जनों रसोइया मौजूद रही।।

बरेली से कपिल यादव

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