बरेली/फतेहगंज पश्चिमी। रमजान का पवित्र माह चल रहा है। अप्रैल माह मे चिलचिलाती धूप और उमस भरी गर्मी है। भले ही सुबह शाम गर्मी का असर कुछ कम हो जाता है लेकिन दोपहर के समय सूर्य की तेज किरणें आम जनमानस को परेशान कर रही है। मुकद्दस रमजान मे 15 से 16 घंटे का रोजा रखने वाले लोगों के लिए सुबह सूर्योदय से पहले सहरी खाते हैं और पूरे दिन भूखे प्यासे रहने के बाद फिर शाम को इफ्तार करते है। शाम को इफ्तार के लिए कई तरह के लजीज पकवान बनाए जाते है लेकिन इन दिनों रोजेदारों को अपने खान पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इन दिनों रोजेदारों को जहां तक संभव हो तेज धूप से बचना चाहिए ताकि उनको ज्यादा पसीना न आए और उनके शरीर मे पानी और नमक की कमी नही हो। इसके अलावा रमजान में कई तरह की सावधानियां बरतने की जरूरत होती है ताकि स्वास्थ्य न बिगड़े। बरिष्ठ सर्जन डॉ जावेद खांन ने बताया कि इफ्तार मे तला-भुना खाने से परहेज करें। सहरी के समय अंडा, आटे की रोटी, ताजे फल आदि खाने से सेहत ठीक रहती है। ध्यान रहे सहरी के समय ज्यादा कॉफी या सोडा नहीं पीना चाहिए। सहरी में बिरयानी, कवाब, पिज्जा और फास्ट फूड न खाएं। इससे दिन में परेशानी हो सकती है। बरिष्ठ यूरोलॉजिस्ट डॉ हारिस अंसारी ने बताया कि गर्मी की वजह से डिहाइड्रेशन का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे मे रोजेदार को खान पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। धूप में न निकले अगर किसी परिस्थिति मे बाहर निकलने की नौबत आए तो तौलिया या गमछा बांधकर निकले ज्यादा से ज्यादा समय कूलर या पंखे में रहने से दिक्कत नहीं आएगी। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ ग्यास अहमद ने बताया कि इफ्तार के दौरान खजूर खाना चाहिए। खजूर सेहत के लिए फायदेमंद होता है। खजूर मे आयरन होता है जिससे शरीर को ऊर्जा मिलती रहती है रोजेदार खाली पेट जूस न पीये। एक साथ पानी न पीये।।
बरेली से कपिल यादव