बरेली। रबड़ फैक्ट्री की एसएंडसी कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारियों और कार्यकारिणी सदस्यों ने बुधवार को रामपुर बाग स्थित कार्यालय पर बैठक कर फैक्ट्री की 1400 एकड़ भूमि वापस लेने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट में ठोस पैरवी न होने पर रोष जताया। कहा कि भूमि वापस लेने के लिए बरेली-लखनऊ के बीच कागजी घोड़े दौड़ाए जा रहे है। अध्यक्षता करते हुए शैलेंद्र चौबे ने कहा कि रबड़ फैक्ट्री की भूमि पर 20 दिसम्बर 2023 को आए फैसले के बाद अभी तक राज्य सरकार अपने अधिकार में लेने के लिए ठोस पैरवी नही कर पाई। इससे फैक्ट्री मे कार्यरत रहे कर्मचारियों में रोष है। कर्मचारियों का 26 साल से भुगतान लंबित है। श्रमिक नेता अशोक कुमार मिश्रा ने कहा कि आर्थिक तंगी में मजदूरों के भुगतान को सुरक्षित और सुनिश्चित करने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा नियुक्त ऑफिशियल लिक्विडेटर के यहां 1432 कर्मचारियों के क्लेम पर ठोस पैरवी की और साक्ष्यों के आधार पर 16 जनवरी 2023 को निर्णय मजदूरों के हित में कराया। ऑफिशियल लिक्विडेटर उच्च न्यायालय ने तय किये क्लेम के पत्र मजदूरों को भेजे, पर बड़ा सवाल यह है कि उनका भुगतान अब कौन करेगा?, 20 दिसम्बर 2023 से अब तक 29 कर्मचारियों की मौत हो चुकी है, इससे पहले 350 से अधिक कर्मचारी असमय मौत के गाल मे समा गए। उन्होंने बताया कि वह मुख्य सचिव, आयुक्त, जिलाधिकारी और रबड़ फैक्टरी नोडल अधिकारी को यूनियन की कोर कमेटी के सदस्यों के साथ कई ज्ञापन दे चुके है। कर्मचारियों के जीवन यापन में आ रही परेशानियों पर प्रशासन को गंभीरतापूर्वक विचार कर शीघ्र कार्रवाई करनी चाहिए। यदि प्रशासन मजदूर हित में ठोस और सकारात्मक कदम नहीं उठाता है तो शीघ्र यूनियन बड़ा धरना-प्रदर्शन करेगी। इस दौरान प्रदीप कुमार, प्रमोद कुमार, आरसी शर्मा, अनिल कुमार, हैदर नवी, शैलेन्द्र चौबे, अजय भटनागर, एससी निगम आदि मौजूद रहे।।
बरेली से कपिल यादव