बरसठी (जौनपुर) – प्रदेश की सरकार बनने के उपरांत प्रदेश वासियों के लिए विकास के विभिन्न कार्य किए जा रहे हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ को सुधारने वाले किसानों के लिए भी विभिन्न योजनाओं के माध्यम से उन्हें विकास की मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास उत्तर प्रदेश की सरकार द्वारा किया जा रहा है, परंतु हमारी अर्थव्यवस्था के मुख्य स्रोत इन किसानों के लिए एक समस्या बेहद विकराल होती जा रही है जोकि देखने में भले ही छोटी लगे परंतु इसके परिणाम जमीनी स्तर पर बड़े ही भयावह निकल रहे हैं। हम बात कर रहे हैं छुट्टा पशुओं की जिन्हें सरकार द्वारा मारने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और इन की बढ़ती संख्या के कारण किसानों को विकराल परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है।
क्षेत्रीय संवाददाता द्वारा जब जमीनी स्तर पर इसकी पड़ताल की गई तो स्थिति बेहद खौफनाक नजर आई सर्वप्रथम बरसठी क्षेत्र के अंतर्गत कुछ किसानों से बात की तो उन्होंने बताया कि कड़ी मशक्कत के बाद हमने गेहूं की फसल को लगाया है। परंतु इन छुटे हुए बछड़ों के कारण हमारी फसल नुकसान हो जा रही है और इसका सीधा असर गेहूं की पैदावार पर पड़ेगा, खेती से ही अपनी जीविका चलाने वाले बताते हैं कि, दिन में तो हम किसी प्रकार इन से निजात पा रहे हैं परंतु रात में पहरेदारी करना मुमकिन नहीं है और इस दौरान हमारा अधिक नुकसान हो जा रहा है जिसकी और प्रशासन और सरकार ध्यान नहीं दे रहे हैं।
इसी प्रकार हम जब क्षेत्र के ग्रामीणों में पहुंचे तो हमने देखा कुछ लोगों में बहस छिड़ी हुई थी और इस बहस का कारण था छुट्टा पशु क्योंकि कुछ किसानों द्वारा अपने खेतों से इन बछड़ों को दूसरी और हांक रहे थे इस दौरान वह किसी और के खेत में चले गए जिसके कारण हाँकने वाले किसान पर लोगों का आक्रोश फूटने लगा। आखिरकार कुछ समझदार बुजुर्गों द्वारा मामले को शांत किया गया परंतु अगर इसकी गहराई में देखा जाए तो कहीं ना कहीं इन सब परेशानियों का कारण यह छुट्टा पशु है। क्षेत्रीय जनता सरकार और भाजपा नेता व प्रशासन से जल्द से जल्द ध्यान देने का आग्रह कर रही है।
रिपोर्ट-: संदीप सिंह संबाददाता