यूपी में आ सकते हैं अच्छे दिन-डीजल पेट्रोल में मिल सकती है चुनावी राहत

*खाद्य तेल, दाल और सब्जी आदि के अलावा अन्य सभी चीजों की कीमतों में इस समय बाजार में आई हुई है तेज़ी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव से पहले लोगों के कुछ दिनों के लिए अच्छे दिन आ सकते हैं। सरकार डीजल पेट्रोल की महंगाई से जूझ रहे प्रदेश की जनता को थोड़ी चुनावी राहत मिल सकती है। इस बाबत फैसला लेने के लिए आज शाम मुख्यमंत्री की ओर लखनऊ स्थित अपने आवास पर बैठक बुलाई गई है। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की अधिसूचना हालांकि अभी जारी नहीं हुई है, उत्तर प्रदेश में अपना वजूद बनाए रखने के लिए बीजेपी इस समय अलग अलग दाऊ आज़मा रही हैं उत्तर प्रदेश मे सत्तारूढ़ भाजपा अपनी चुनावी गतिविधियों को काफी समय पहले से जारी रखे हुए हैं। लेकिन देश में रोजाना बढ़ रही डीजल, पेट्रोल एवं रसोई गैस की कीमतें उत्तर प्रदेश सरकार को बुरी तरह से परेशान किए हुए हैं। क्योंकि डीजल और पेट्रोल के रोजाना बढ़ते दामों का प्रभाव आमतौर पर रोजाना इंसान के काम आने वाली चीजों पर पड़ता है। शायद यही कारण है कि खाद्य तेल, दाल और सब्जी आदि के अलावा अन्य सभी चीजों की कीमतों में इस समय बाजार में तेजी आई हुई है। यही तेजी सरकार के लिए विधानसभा चुनाव मै बड़ी हार का सबब बन सकती है। प्रदेश सरकार की कोशिश है कि महंगाई से बुरी तरह जूझ रही जनता को 2022 चुनाव से पहले थोड़ी राहत देने के लिए डीजल पेट्रोल के दामों में कुछ समय के लिए कमी की जाए। उत्तर प्रदेश में डीजल पेट्रोल के दामों में कमी उस स्थिति में ही की जा सकती है, जब प्रदेश सरकार की ओर से वसूले जाने वाले करो में कुछ कटौती की जाए। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ की ओर से आज की शाम 5.00 बजे लखनऊ स्थित अपने आवास पर एक बैठक बुलाई गई है। बताया जा रहा है कि इस बैठक में डीजल पेट्रोल की कीमतों को लेकर भी विचार-विमर्श किया जाएगा और यह छानबीन की जाएगी कि प्रदेश सरकार अपने स्तर पर डीजल पेट्रोल की कीमतों में कितनी राहत प्रदेश की जनता को दे सकती है।जबकि पेट्रोल डीज़ल को gst के दायरे मै लाने का विरोध सबसे पहले यूपी सरकार ने किया था । उम्मीद जताई गई है कि बैठक खत्म होने के बाद राज्य सरकार की ओर से डीजल और पेट्रोल के दामों में कुछ कमी किए जाने का ऐलान किया जा सकता है। इसके साथ ही सरकार प्रदेश में खाने पीने की चीजों के दामों को विधानसभा चुनाव को देखते हुए नियंत्रण करने की कवायद में जुटी हुई है।

– सहारनपुर से सुनील चौधरी

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