लखनऊ- यूपी में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियां जोर शोर से हो रही हैं। प्रशासन, राजनीतिक दल, भावी उम्मीदवार और जनता सब अपने-अपने ढंग से तैयारी में जुटे हैं। इस बीच सभी को आरक्षण सूची जारी होने का इंतजार है। अब पंचायती राज मंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह ने संकेत दिए हैं कि आरक्षण सूची 20 फरवरी के आसपास जारी हो सकती है। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से परिसीमन का काम पूरा हो चुका हे। अधिसूचना जारी हो चुकी। आरक्षण,रोटेशन के आधार पर होगा। इसके लिए सैद्धांतिक सहमति बन चुकी है।
पंयायती राज मंत्री ने कहा कि आरक्षण के लिए जल्द ही गाइडलाइन जारी की जाएगी। इसके बाद आरक्षण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। उन्होंने 20 फरवरी के आसपास या फरवरी के अंतिम हफ्ते में आरक्षण जारी करने के संकेत दिए। एक बार आरक्षण सूची जारी होने के बाद मार्च के अंतिम या अप्रैल के पहले हफ्ते में चुनाव प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। उन्होंने बताया कि इस सम्बन्ध में जल्द ही एक शासनादेश जारी होगा। इसी आधार पर आरक्षण की गाइडलाइन भी जारी कर दी जाएगी।
24 जून से पहले होंगे चुनाव
गौरतलब है कि यूपी में पंचायतों का कार्यकाल खत्म होने पर 24 दिसम्बर की आधी रात से छह महीने के लिए प्रशासक तैनात किए गए थे। इस लिहाज 24 जून के पहल चुनाव करा लिया जाना जरूरी है। माना जा रहा है कि त्रिस्तीय पंचायत चुनाव हार हाल में 24 जून से पहले हो जाएंगे।
ऐसे तय हो रहा है आरक्षण
इस बार क्षेत्र व जिला पंचायत में चक्रानुक्रम आरक्षण पूरा होने पर नये सिरे से आरक्षण तय किया जा सकता है। प्रदेश के पंचायतीराज मंत्री चौधरी भूपेन्द्र सिंह ने ऐसे संकेत दिए हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2015 में हुए पंचायत चुनाव में ग्राम पंचायतों का चक्रानुक्रम आरक्षण शून्य कर के नये सिरे से आरक्षण तय किया गया गया था। मगर पिछले पांच चुनावों से जिला व क्षेत्र पंचायत में चक्रानुक्रम आरक्षण ही चल रहा है। इसलिए जिला व क्षेत्र पंचायतों के सदस्यों की सीटों का आरक्षण नये सिरे से तय किया जा सकता है।
2015 में प्रदेश में त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव करवाने में सक्रिय भूमिका निभाने वाले पंचायतीराज विभाग के वरिष्ठ अधिकारी (अब सेवानिवृत्त) राकेश चतुर्वेदी ने पंचायतीराज मंत्री के इस कथन की तस्दीक करते हुए कहा कि क्षेत्र व जिला पंचायतों में चक्रानुक्रम आरक्षण पूरा हो चुका है इसलिए इन पंचायतों की सदस्य सीटों पर नये सिरे से आरक्षण का निर्धारण किया जा सकता है।
पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र सिंह ने स्पष्ट किया जिला पंचायतों का आरक्षण राज्य मुख्यालय से तय होता रहा है और इस बार भी ऐसे ही होगा बाकी ग्राम पंचायत व क्षेत्र पंचायत की सीटों का आरक्षण जिला मुख्यालय से ही तय किया जाएगा। बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि इस बारे में शासनादेश जारी किया जाएगा, आरक्षण की प्रक्रिया के लिए अभी समय है। उन्होंने बताया कि 15 मार्च से अप्रैल के पहले सप्ताह के बीच यूपी में त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव करवा लिये जाएंगे। पंचायतीराज विभाग इसी समय सीमा के आधार पर अपनी तैयारी कर रहा है। परिसीमन पूरा होने के बाद आरक्षण निर्धारण की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
■ पंचायत चुनाव में सीटों के आरक्षण का चक्रानुक्रम फार्मूला
● -पहले एसटी महिला, फिर एसटी महिला/पुरुष।
● -पहले एससी महिला, फिर एससी महिला/पुरुष।
● -पहले ओबीसी महिला, फिर ओबीसी महिला/पुरुष।
● -अगर तब भी महिलाओं का एक तिहाई आरक्षण पूरा न हो तो महिला।
● -इसके बाद अनारक्षित
उत्तर प्रदेश में त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव अब अगले साल अप्रैल-मई में होने के आसार बढ़ गये हैं। बीते शुक्रवार को राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायतों की मतदाता सूची के पुनरीक्षण और उसके बाद उसके फाइनल ड्राफ्ट के प्रकाशन की जो नयी समय सारिणी जारी की है उसके मुताबिक वोटर लिस्ट का फाइनल ड्राफ्ट 22 जनवरी को प्रकाशित किया जाएगा। इसके बाद ही चुनाव की तैयारियां जोर पकड़ेंगी। चूंकि फरवरी और मार्च में शिक्षण संस्थाओं की वार्षिक परीक्षाएं होंगी और मार्च में होली का त्योहार, उसके बाद गेहूं व अन्य फसलों की कटाई शुरू होनी है इसलिए पंचायत चुनाव अप्रैल-मई में ही कराने के आसार बढ़ गये हैं।
अभी तक प्रदेश सरकार की तरफ से पंचायतों के पुनर्गठन, आंशिक परिसीमन, वार्डों के आरक्षण आदि की प्रक्रिया भी पूरी नहीं की जा सकी है इसलिए राज्य निर्वाचन आयोग यह प्रक्रिया पूरी होने के इंतजार में है। प्रदेश के अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज मनोज सिंह की ओर से बीते 2 दिसम्बर को जारी शासनादेश के अनुसार 49 जिलों में आंशिक परिसीमन की प्रक्रिया 4 दिसम्बर से शुरू होकर 2 जनवरी तक चलेगी। 3 से 6 जनवरी के बीच नये सिरे से निर्धारित पंचायतों और उनके वार्डों का प्रकाशन किया जाएगा। आयोग के अपर निर्वाचन आयुक्त वेद प्रकाश वर्मा ने बताया कि वोटर लिस्ट पुनरीक्षण की इस नयी समय सारिणी से उन मतदाताओं को वोटर लिस्ट में अपना नाम जुड़वाने के अब दो अवसर मिलेंगे जो आगामी पहली जनवरी को 18 साल की उम्र पूरी कर रहे हैं।
इन वोटरों को 22 जनवरी को वोटर लिस्ट के फाइनल ड्राफ्ट के प्रकाशन से पहले का समय तो मिलेगा ही उसके बाद 22 जनवरी से चुनाव की अधिसूचना जारी होने तक के बीच की अवधि में भी ऐसे वोटरों को और अन्य छूटे हुए वोटरों को अपना नाम जुड़वाने का अवसर मिलेगा। उन्होंने बताया कि वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने के लिए आयोग की वेबसाइट पर आनलाइन आवेदन करने के लिए जल्द ही निर्णय लिया जाएगा, उसके बाद आयोग की वेबसाइट पर नाम जुड़वाने के लिए आवेदन करने के बाबत विण्डो खोली जाएगी।