पूर्णिया/बिहार- महिला कॉलेज रोड, स्थित यूको बैंक में लूट हुए तीन दिन बीत गए पर न तो चोर का पता चला और नही ही कोई चोरी का सुराग और वो ग्राहक जिनके लॉकर तोड़कर उसमे जमा बहुमूल्य वस्तु गायब हुए है उनका छाती पीटते पीटते बुरा हाल है। पुलिस अधीक्षक के निगरानी में टीम गठित कर जांच भी चल रही हैं पर कोई ठोस सबूत नही मिल पा रहे है। बैंक मैनेजर सुमित कुमार से हुई वार्ता हुई तो मिली जानकारी के अनुसार चोरी हुए ग्राहक के समान का जिम्मेवार न तो कोई बैंक कर्मचारी हैं और न ही बैंक मैनेजमेंट ,और न ही कोई सरकार । जब मेरी बात बैंक सुरक्षा अधिकारी अरुण कुमार से हुई तो उन्होंने बताया कि किसी भी बैंक में रात को सिक्योरिटी नही रहती है और न ही बैंक मैनेजमेंट के पालिसी के तहत ये हैं कि रात में कोई सुरक्षा गार्ड रखा जाए। लॉकर में रखें किसी भी तरह के समान का जिम्मेवार ग्राहक खुद होता है। क्योंकि उसकी कोई बीमा बैंक के द्वारा या किसी निजी एजेंसी के थ्रू नही होती है। मिलाजुला कर देखे तो अब बैंक में भी लोगो के समान या किसी बहुमूल्य वस्तु सुरक्षित नही है। और न ही बैंक कर्मी इसकी जिम्मेदारी लेने को तैयार है। पूछने पर पता चला कि बैंक लॉकर को सिर्फ 1200 सौ से 1300 सौ रुपये लेकर रेंट पर दे देती है। उसके बाद ग्राहक उस लॉकर में कुछ भी रखने को स्वतंत्रत होता है। चाहे उसमे कोई ग्राहक हथियार ही क्यों न रख दे और उसका कोई हिसाब किताब बैंक मैनेजमेंट के पास नही होता हैं ।अब ये बात पुलिस को पता लगाना मुश्किल होगा कि आखिर वाजिब में में कितने लाख या करोड़ की संपत्ति लुट चुकी हैं। अगर इसी प्रकार से बैंक के लॉकर के ताले टूटते रहे तो न जाने कितने लोगों की जिंदगी भर की कमाई मिनट में उड़ जाएगी
पुलिस प्रशासन की तरफ से अभी तक कोई ठोस जांच की रिपोर्ट नही आई है और न ही किसी अपराधी का नाम सामने आया है। अभी तो बैंक में रात दिन पुलिस कर्मी अपना पसीना बहा रहे है काश ऐसा शुरू से होता तो आज ये दिन न देखना पड़ता जांच चल रही सभी को जांच रिपोर्ट का इंतजार है।
-पूर्णिया से शिव शंकर सिंह की रिपोर्ट