कानपुर- युवाओं में मानसिक और शारीरिक बीमारी के कई कारण आ रहे हैं सामने। आज की भाग दौड़ भरी जिन्दगी में जहाँ आज का युवा सोचना कम और करना ज्यादा के मूलमंत्र को अपना रहा है। वहीं वो मूल बीमारियों का भी शिकार हो रहा है जैसे सरदर्द,आंखों की समस्या,पेट दर्द आदि बीमारियों से आज के युवा का ग्रसित होना आम बात हो गयी है यही बीमारियाँ धीरे धीरे बड़ी बीमारियों का रूप धारण कर लेती हैं। आज का युवा अपने बारे में कुछ भी और अपने खिलाफ उसको कुछ भी सुनना पसन्द नहीं है जिसके कारण वो अपनी तरक्की के बारे में जल्दबाजी करने लगते हैं और जल्द से जल्द पैसा कमाने के बारे में सोंचने लगते है और इन बातों का अपने जीवन इतना महत्व देने लगते हैं कि उन्हें सही और गलत की समझ नहीं रहती और वो नशे का सेवन करने लगते हैं। आज के युवा के शारीरिक और मानसिक बीमारी के मुख्यता कारण इस प्रकार हैं आज का युवा वर्ग लोगों से अपने विचारों के बारे में चर्चा करने से बेहतर मोबाइल फ़ोन में समय देना ज्यादा बेहतर समझता है और मोबाइल फोन में देर रात तक लगे रहना और सुबह में देर से उठना उसकी दिनचर्या में शामिल हो गया है। जिसके कारण अक्सर युवा तनाव और सर दर्द जैसी बीमारियों का शिकार हो जाते हैं जिससे उनमें मानसिक और शारीरिक बीमारी घर करने लगती हैं बीमारियों का दूसरा मुख्य कारण नशे की लत है जो आज के युवा वर्ग में दिन पे दिन बढ़ती हुई नजर आरही है जरा सी भी कोई बात हुई तो धूम्रपान का सेवन करने लगते हैं और वो इस गलतफहमी में भी रहते हैं कि धूम्रपान करने से वो टेंशन फ्री हो जाएंगे छोटी छोटी पार्टी में बियर और एल्कोहल हल का सेवन तो नार्मल सी बात हो गयी है जिससे आगे चलकर लीवर समस्या व हार्ट समस्या कॉमन सी बात हो गयी है। बहुत से युवा वर्ग अपनी दुनिया को मोबाइल फोन की दुनिया तक ही सीमित कर रखी है और करीब दस से बारह घण्टे का समय फोन पे देते हैं और अपने स्वस्थ जीवन के बारे में सोचना ही बंद कर दिया है। सिगरेट और एल्कोहल का सेवन युवाओं की जिंदगी का एक अहम हिस्सा बनता जा रहा है जो कि समाज और देश के लिए बड़ी चिंता की बात है आज का युवा वर्ग अपने जीवन को लक्ष्य विहीन तरीके से जी रहा है जिससे सामाजिक बुराइयाँ और उनके खुद के शरीर पर भी गलत प्रभाव पड़ रहा है आज के युवा को समझने और समझाने की जरूरत है और उसे सही गलत की समझ देना जरूरी है जिससे कि वो समाज और देश के हित में कार्य कर सकें।
– प्रदीप दीक्षित कानपुर