वाराणसी- प्रसिद्ध दलित साहित्यकार और चिंतक मूलचंद सोनकर की स्मृति में बुधवार को प्रगतिशील लेखक संघ द्वारा नवरचना कान्वेंट स्कूल में श्रद्धाजंलि सभा आयोजित की गई । सभा की अध्यक्षता करते हुए जवाहरलाल कौल ने कहा कि उनका चिंतन और लेखन एक परिवर्तनकारी समाज के लिए था । आज हमने अपना छोटा भाई खो दिया । प्रो.चौथीराम यादव ने कहा कि मूलचंद जी की दृष्टि शोधपरक और मूल्यवान थी । डॉ एम पी सिंह ने कहा कि उनके विचार तार्किक और भाषा सरल थी । डॉ. रामसुधार सिंह ने उन्हें काशी के साहित्यिक परिवार का सदस्य बताया । डॉ. आनन्द प्रकाश तिवारी ने उनकी जिजीविषा कर्मठता और सामाजिक सक्रियता को याद किया । डॉ. मोहम्मद आरिफ ने कहा कि मूलचंद जी नज़ीर बनारसी पर काम करते हुए वैचारिक असहमति के बावजूद लेखन में पूरा न्याय किया । शोकसभा में डॉ0 गोरखनाथ,
अलकबीर,डॉ0 नरेश कुमार,नईम अख्तर,डॉ. अशोक,चन्द्रभूषण सिंह ने भी विचार रखे । संचालन डॉ. संजय श्रीवास्तव ने किया।
रिपोर्ट राजकुमार गुप्ता वाराणसी