*मशहूर उर्दू कवि अल्लामा इकबाल की वो पंक्तिया*
*मजहब नही सिखाता आपस में बैर करना, हिंदी हैं हम वतन है हिंदुस्तान हमारा
जम्मू कश्मीर- मुस्लिमों ने कश्मीर में अमरनाथ के दर्शन के लिए जा रहे श्रद्धालुओं के लिए खीर बनवाई और उसे बंटवाया। खीर परोसने के बाद उन्होंने श्रद्धालुओं को ‘बाबा बर्फानी’ के दर्शन के लिए शुभकामनाएं दीं।
जम्मू-कश्मीर में शुक्रवार को हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की मिसाल पेश की गई। जम्मू में अमरनाथ यात्रा पर आए हिंदू श्रद्धालुओं के लिए मुस्लिम समुदाय के लोगों ने लंगर बंटवाया। इस दौरान श्रद्धालुओं को खीर परोसी गई। जम्मू में स्थित एक एनजीओ वाफा फाउंडेशन ने यह व्यवस्था की। एनजीओ चलाने वाले मुस्लिम शख्स परवेज वाफा ने अन्य मुस्लिम साथियों के साथ मिलकर कश्मीर में अमरनाथ के दर्शन के लिए जा रहे श्रद्धालुओं के लिए खीर बनवाई और उसे बंटवाया। खीर परोसने के बाद उन्होंने श्रद्धालुओं को ‘बाबा बर्फानी’ के दर्शन के लिए सुरक्षित यात्रा और भविष्य की शुभकामनाएं दीं। इस दौरान एनजीओ के सदस्यों ने मशहूर उर्दू कवि अल्लामा इकबाल की पंक्तियों ‘मजहब नही सिखाता आपस में बैर करना, हिंदी हैं हम वतन है हिंदुस्तान हमारा’ के जरिए हिंदू-मुस्लिम एकता को प्रदर्शित किया। इस दौरान उन्होंने लोगों से अपील की वे ऐसे लोगों से बचें जो समाज को धर्म के नाम पर बांटने का काम कर रहे हैं।एनजीओ ने कहा ‘हमने लंगर की व्यस्था की ताकि हम देश में भाईचारे के संदेश को पेश कर सकें। हमें मॉब लिंचिंग और ऐसे मुद्दों से दूर रहना चाहिए जो भाईचारे की एकता को खत्म करना चाहते हैं। हमने इसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए लंगर के जरिए प्यार और शांति का संदेश दिया है। हम श्रद्धालुओं का स्वागत करते हैं और दुआ मांगते हैं कि भगवान उनकी सारी इच्छाओं को पूरा करें।
इस दौरान नीरज शर्मा नाम के श्रद्धालु ने कहा कि ‘मैं लंगर व्यवस्था से बेहद प्रसन्न हूं। यह देश में एकता को बनाए और आगे बढ़ाने के लिए एक बेहतरीन तरीका है।’ मालूम हो कि 46 दिन की लंबी अमरनाथ यात्रा 1 जुलाई से शुरू हुई थी। यह यात्रा 15 अगस्त को पूरी होगी।
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