मुजफ्फरनगर- रमजान माह की तैयारियों को लेकर जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय ने 2 मई को एक बैठक ली थी। इस बैठक में जिलाधिकारी ने नगरवासियों से यह अनुरोध किया था कि वे अपने 24 घण्टों में से मात्र 10 मिनट का समय सफाई कार्य में दें। उन्होंने यह भी कहा कि जनपद मुजफ्फरनगर के 21 लाख निवासी यह भरोसा रखेंगे कि 1000 सफाई कर्मी नगर को साफ कर लेंगे तो यह न्यायोचित नहीं है। मात्र 10 मिनट का समय यदि प्रत्येक नागरिक देने लगे तो 20 लाख के हिसाब से नगर में सफाई कर्मियों का श्रम पैदा किया जा सकता है और नगर को साफ और स्वच्छ बनाया जा सकता है। जिलाधिकारी का यह अनुरोध यूं ही नहीं है, वे जब भी अपने कलेक्ट्रेट कार्यालय में पहुंचते हैं तो सबसे पहले 10 मिनट का समय अपने कमरे की साफ-सफाई स्वयं झाडू लगाकर करते हैं। यह पहले जिलाधिकारी हैं, जो एक झाडू व डस्टबिन अपनी कुर्सी के पास रखते हैं। यही नहीं कमरे में प्रवेश करने वाले समस्त आगन्तुकों को जिलाधिकारी का इस आशय का अनुरोध पढ़ने को मिलता है:-
‘ *‘इस कमरे की सफाई मेरे द्वारा स्वयं की जाती है। कृपया इसे गन्दा करके मेरे काम के बोझ को अनावश्यक रूप से न बढ़ायें।’’*
अजय शंकर पाण्डेय, जिलाधिकारी
ज्ञातव्य है कि जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय अपनी नौकरी की शुरूआत से ही अपने कार्यालय में झाडू लगाकर उसकी सफाई का कार्य कर रहे हैं। जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय के सफाई के इस जुनून को इन्टरनेट पर सर्च करके लोग खूब देखते हैं, जो एक अनुकरणीय अपवाद है। जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय ने इस कार्य को अपना निजी पैशन बताया है। यह पूर्ण रूप से स्वैच्छिक है। यदि सभी अधिकारी, कर्मचारी एवं आम नागरिक इसे अपनाते हैं तो यह अत्यन्त ही प्रसन्नता का विषय होगा।