गाजीपुर- नंगे पांव डेढ़ किलोमीटर चलकर स्कूल पहुंचे बच्चे सामाजिक कार्यकर्ताओं की अनूठी पहल मामला मरदह विकासखंड के गोविंदपुर बनवासी बस्ती का निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 में पर आधारित है कि मारना पीटना मुर्गा बनाना ही नहीं अब बच्चों को आंख भी नहीं ततेरनी नहीं है।
अधिनियम की अनदेखी कर बच्चों को मारने पीटने की घटनाएं आए दिन होती रहती है। मामला मरदह विकासखंड के गोविंदपुर मलिकनाथपुर में संचालित डॉक्टर भीमराव अंबेडकर प्राथमिक पाठशाला का है जहाँ के अध्यापकों द्वारा बच्चों को मारने पीटने का परिणाम यह हुआ कि दर्जनों बच्चों ने डर के मारे विद्यालय छोड़ दिया।अध्यापकों द्वारा मारने पीटने और बच्चों के विद्यालय छोड़ने की सूचना पाकर बुधवार को समग्र विकास इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष ब्रजभूषण दुबे अपने सहयोगी अवनीश चतुर्वेदी,ओम प्रकाश यादव कृष्णानंद,केशरी मिश्रा आदि के साथ बनवासी बस्ती पहुंचे।स्कूल छोड़ चुके बच्चों को बुलाया समझाया बुझाया ग्रामीणों से भी बच्चों के अधिकार को बताया। बच्चों के बढ़े हुए नाखून काटने के साथ उन्हें साबुन से नहला-धुलाकर विद्यालय पहुंचे।प्रधानाध्यापक सहित विद्यालय पर चारों शिक्षक उपस्थित थे। ब्रज भूषण दुबे ने प्रधानाध्यापक सहित अन्य अध्यापकों से अनुरोध किया कि वह बच्चों को मारने पीटने और दंड देने से परहेज करें ऐसा करना आपराधिक कृत्य है । जिससे उनके ऊपर कार्यवाही भी हो सकती है।लगभग डेढ़ दर्जन बच्चों के लिए फिर से तहरी और दूध का इंतजाम विद्यालय में किया गया।गोविंदपुर बनवासी बस्ती से विद्यालय तक की डेढ़ किलोमीटर दूरी तय करने के बीच सामाजिक कार्यकर्ताओं ने उन्हें यातायात के नियम एवं सड़क क्रास करना भी बताया। डेढ़ दर्जन बच्चों में किसी के पास जूते चप्पल नहीं थे।प्रधानाध्यापक मुसाफिर राम ने बताया विद्यालय में जूते मोजे नहीं बटे हैं तथा सभी बच्चों को पर्याप्त मात्रा में ड्रेस एवं झोलो का भी वितरण नहीं हुआ है।शौचालय के अभाव में बच्चे खेतों में जाते हैं और विद्यालय का हैंडपंप प्रदूषित पानी देता है तथा भोजन पकाने के लिए कोई किचन सेट नहीं है।
ब्रजभूषण दुबे ने पूरा मामला जिम्मेदार अधिकारियों तक पहुंचाने और इन सुविधाओं को प्राप्त कराने का आश्वासन दिया।उक्त अवसर पर अवनीश चतुर्वेदी, गुल्लू सिंह यादव,शशीकांत पाठक,कृष्णानंद केसरी मिश्रा एवं ओम प्रकाश यादव प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
गाजीपुर से प्रदीप दुबे की रिपोर्ट