बरेली – दरगाह आला हजरत से जूडे संगठन ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी आज सुबह सवेरे इज्जत नगर रेलवे स्टेशन स्थित मजार सय्यद ननेह मियां शाह के मजार पर पहुंचे, मौलाना ने पहले फहतिहा पड़ी फिर स्टेशन अधीक्षक श्री अभय कुमार और दूसरे अधिकारियों से मुलाकात की। मौलाना ने जब पूछा कि मजार को हटाने का नोटिस रेलवे अधिकारी ने क्यों दिया है और इसकी क्या वजह है। इस पर श्री अभय कुमार ने जवाब देते हुए कहा कि मुझे भी नोटिस देने की सूचना नहीं दी गई और न ही मुझसे किसी ने बात की , मुझे तो समाचार पत्रों के माध्यम से पता चला है।
मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने इज्जत नगर रेलवे स्टेशन अधिकारियों से मिलने के बाद मजार पे हाजरी देने वाले हिन्दू मुस्लिम अनुयायियों से भी बात की , लोगों का कहना था कि इस मजार से हमें काफी फ़ैज़ मिला है, हम लोग यहां पर दुआं करते हैं मिन्नतें मांगते हैं और हमारी मुरादे पूरी भी होती है।
मौलाना ने मजार शरीफ का इतिहास बताते हुए कहा कि ये मजार 1565 में बना था उस वक्त इस जगह पर कोई आबादी नहीं थी, ब्रिटिश शासन काल में रेलवे की पटरियां बिछाई गई उस वक्त ये मजार रेल की पटरियों के बिच में आ गया , अंग्रेज अधिकारी ने मजार हटाकर रेल की पटरियां बिछाने की कोशिश की तो काम कर रहे मजदूरों को बहुत नुक्सान उठाना पड़ गया था, दूसरे दिन जब अंग्रेज अधिकारीयों ने आकर देखा तो मजार फिर वही बना हुआ पाया, इस रोहानी करिश्में से अंग्रेज अधिकारी प्रभावित हो गए और उन्होंने अपना इरादा बदल दिया और मजार से हट के रेल की पटरियां बिछाने पर मजबूर हो गए।
मौलाना ने बताया कि डि आर एम रेलवे आफिस के अधिकारी श्री सुरेन्द्र कुमार द्वारा मजार को हटाने का नोटिस दिया गया है, सुरेन्द्र कुमार ने नोटिस देने से पहले जिला पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों और न ही धार्मिक व्यक्तियों से विचार विमर्श किया बल्कि सीधे तौर पर 28 दिसंबर 2022 को मजार हटाने का आदेश दे दिया, उनके इस आदेश के आने के बाद सुन्नी सूफ़ी मुसलमानों में बेचैनी और रोश पाया जाता है , सालों पुरानी मजार को हटाया जाना एक साज़िश है इससे जिला बरेली की गंगा जमनी तहजीब को नुक्सान पहुंचाने का खतरा है।
मुस्लिम जमात के शहर अध्यक्ष जारिफ गद्दी ने बताया कि कल दोपहर 1 बजे जमात के कार्यकर्ता और पद अधिकारी कलैक्ट्रेट पहुंचेंगे और मजार के सम्बन्ध में जिला अधिकारी को ज्ञापन देंगे।
– बरेली से तकी रज़ा