आजमगढ़- सगड़ी विधायक श्रीमती बंदना सिंह ने विधानसभा जिले की एक बड़ी समस्या उठाते हुए सरकार से जवाब मांगा। हालाँकि समस्या का हल करने की बजाय सरकार ने अपनी बेबसी जाहिर कर दी। 06 फरवरी को विधायक बंदना ने विधानसभा को सूचित करते हुए कहा की जनपद आजमगढ़ के मंडलीय चिकित्सालय में न्यूरो, यूरो एवं गैस्ट्रो के चिकित्सक की नियुक्ति ना होने से संबंधित गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए आमजन को भटकना पड़ रहा है। विधायक ने कहा कि यहां ट्रामा सेंटर में सिर्फ दो ऑर्थो चिकित्सक तैनात है वहां अभी तक पूरा स्टाफ नहीं हो पाया है। सबसे दुखद बांट दिया है चक्रपानपुर पीजीआई से मरीज रिफर कर यहां भेजे जाते हैं। सरकार द्वारा लोगों के स्वास्थ्य संबंधित कई योजनाएं संचालित होती है लेकिन डॉक्टर ना होने से प्राइवेट नर्सिंग होम इसका लाभ उठा रहे हैं। गंभीर हाल के मरीजों को सीधे वाराणसी ले जाना पड़ता है, ऐसी स्थितियों में क्षेत्रीय जनता में सरकार के प्रति भारी आक्रोश व्याप्त है। उन्होंने सदन में जनहित में जनपद आजमगढ़ के जिला चिकित्सालय में न्यूरो न्यूरो और गैस्ट्रो के डॉक्टरों की तैनाती यथाशीघ्र कराए जाने की मांग उठाई थी। 11 फरवरी को विधायक की मांग के जवाब में सरकार की तरफ से प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में विशेषज्ञ चिकित्सकों की भारी कमी है। मानक के अनुरूप प्रदेश में 8074 विशेषज्ञ चिकित्सकों के सापेक्ष मात्र 2972 विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती है। उन्होंने आगे बताया की मंडलीय जिला चिकित्सालय आजमगढ़ में मानक के अनुरूप न्यूरो सर्जन के 1 पद व यूरो सर्जन के 1 पद स्वीकृत हैं जो विशेषज्ञों के अभाव में रिक्त है। चिकित्सालय में गैस्ट्रो विशेषज्ञता का कोई पद सृजित नहीं है। ट्रामा सेंटर में आर्थो सर्जन के 2 पद स्वीकृत है जिन पर दो आर्थो सर्जन कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी है और उनकी उपलब्धता नगण्य है। मंत्री के जवाब पर विधायक बंदना सिंह ने असन्तुस्टि जताते हुए कहा की सरकार के द्वारा इस तरह जवाब देने से आजमगढ़ जिला अस्पताल की समस्या का कोई हल निकलता नहीं दिख रहा है। हम स्वयं चिकित्सा मंत्री से मिलकर और सदन में फिर से यह मुद्दा उठाएंगे।
रिपोर्ट-:राकेश वर्मा आजमगढ़