चंदौली- दुर्गा प्रतिमाओं का निर्माण करने वाले शिल्पकार डिमांड घटने से भुखमरी के कगार पर पहुंच चुके है। हालात यह है कि कोरोना संक्रमण के चलते जिले में दुर्गा पूजा के आयोजनों में भारी कमी आई है। ऐसे में मूर्तियों की डिमांड भी काफी कम है। जिसके चलते दुसरे प्रांत से आकर मूर्ति बनाने वाले शिल्पकारों का परिवार दो जून की रोटी को मोहताज हो गया है। दरअसल, पश्चिम बंगाल से बड़ी तादात में शिल्पकार पीडीडीयू नगर सहित अन्य कस्बा और बाजारों में दुर्गा पूजा के आयोजन को लेकर मूर्ति का निर्माण करते है। लोग नवरात्र के दो माह पहले ही परिवार के साथ कस्बा और नगरों में डेरा जमा लेते है। मूर्ति की बिक्री करके अच्छा मुनाफा कमा लेते थे। लेकिन कोरोना काल के दौरान शिल्पकारों के पेशे पर मानों ग्रहण लग गया है। पश्चिम बंगाल के शिल्पकार अजीत ने बताया कि केवल 25 मूर्ति बनाने का आर्डर मिला है। जबकि दो वर्ष पहले वह कारीगरों की मदद से सैकड़ों मूर्ति बनाते थे। बताया कि रोजगार ठप होने के चलते उनके सामने परिवार के भरण पोषण की समस्या खड़ी हो गई है।