आजमगढ़ – भारतीय जनता पार्टी द्वारा मंगलवार को लोकतन्त्र सेनानी सम्मान समारोह का आयोजन नेहरू हाल के सभागार में किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ पंडित दीन दयाल उपाध्याय व डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता लोकतंत्र सेनानी संघ के जिलाध्यक्ष कन्हैया लाल व संचालन जिला महामंत्री रामपाल सिंह ने किया। समारोह में लोकतंत्र सेनानियों को अंगवस्त्र भेंटकर सम्मानित किया गया।
समारोह को सम्बोधित करते हुए संघ जिलाध्यक्ष कन्हैया लाल ने कहा कि 25 जून 1976 को तत्कालीन प्रधानमंत्री ने अपने तानाशाही रवैये का परिचय देते हुए आपातकाल की घोषणा कर लोकतंत्र की हत्या की। सभी गैर कांग्रेसी राजनैतिक दल दलीय सीमाओं को तोड़कर एक साथ आकर लोकतंत्र को बचाने के लिए आंदोलन में कूद पड़े। इंदिरा गांधी ने दमनकारी रवैया अपनाते हुये सभी गैर कांग्रेस जनों को जेल में डाल दिया। उसी दौरान उन्होने जबरन नसबंदी कराकर सभी लोकतांत्रिक सीमाएं तोड़ने का काम की। कांग्रेस ने ही कश्मीर को देश के लिए नासूर बना दिया। एक ही देश में दो विधान, दो संविधान, दो प्रधान का कानून बनाया। डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने कश्मीर को भारतीय संविधान दिलाने के प्रयास में अपने प्राणों की आहूति देनी पड़ी। कांग्रेस आज पुनः देश की सत्ता प्राप्त करने के लिए व्याकुल है। लेकिन हम लोगां कांग्रेस के तानाशाही रवैये के मंसूबों को विफल कर देश को उच्च शिखर तक ले जाने का प्रयास करते रहेंगे।
लोकतंत्र सेनानी संघ के मंत्री शोभा नरायण राय ने कहा कि 25 जून 1975 का दिन भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में लोकतंत्र को बचाने के लिए देश की समस्त जनता के संयुक्त प्रयास व कांग्रेस की तानाशाही के लिए सदैव याद किया जायेगा।
पूर्व विधायक रामजग ने कहाकि भाजपा द्वारा लोकतंत्र सेनानियों का सम्मान करके सेनानियों का मान बढ़ाने का काम किया जो काबिले तारीफ है।
जिलाध्यक्ष जयनाथ सिंह ने कहाकि आप सभी लोकतंत्र सेनानियों ने लोकतंत्र की रक्षा के लिए जितनी प्रताडनाएं झेली कर बलिदान दिया उसकी जितनी प्रशंसा की जाय सम्मानित किया जाय वह कम है। आप सभी आने वाली पीढ़ियों और हम सभी के लिए प्रेरणाश्रोत है। इस सम्मान समारोह में जो लोकतंत्र सेनानी उपस्थित नहीं हो पाय हम भाजपा के लोग उनके घर पर जाकर उनका सम्मान करेंगे। लोकतंत्र सेनानियां के घर तक जाने वाले मार्ग जो अब तक नहीं बने है उनका निर्माण कराया जायेगा और उस मार्ग का नाम वहां निवास करने वाले लोकतंत्र सेनानी के नाम पर रखा जायेगा।
सम्मान समारोह में अखिलेश मिश्र गुड्डू, दुर्ग विजय यादव, घनश्याम पटेल, माहेश्वरी कांत पाण्डेय, बाबू राम बिंद, धु्रव सिंह, ब्रजेश यादव, सीता चौहान, विनोद उपाध्याय, विनय प्रकाश गुप्ता, पंकज कौशिक, प्रभुनाथ सिंह, पतिराम यादव, जयप्रकाश विश्वकर्मा, रामाशंकर सिंह, त्रिवेणी पाण्डेय, सच्चिदानंद लाल, सभा रामकुमार सोनी, चन्द्रविनोद, रामकुमार, सम्पूर्णांनंद, रामधारी सिंह, प्रेम बिहारी आदि सेनानी मौजूद रहे।
रिपोर्टर-राकेश वर्मा आजमगढ़