बरेली/फतेहगंज पश्चिमी। श्रीमद्भागवत कथा में भारतीय धर्म और संस्कृति का समावेश है। श्रद्धालु श्रोताओं को भागवत कथा प्रथम दिन से ही सुनने की जरूरत है। आवश्यकता सिर्फ इस बात की है कि कथा प्रागंण में आने के पूर्व अपने आचरण को पूरी तरह पवित्र बना लें। शुद्ध मन से कथा का श्रवण करें मोक्ष का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा। यह उक्त बातें रेलवे स्टेशन भिटौरा के पास ग्राउंड में हो रही श्रीमद्भागवत कथा में कथावाचक स्वामी कृष्ण आचार्य ने कही। साथ ही तीर्थराज प्रयागराज एवं नैमिषारण्य तीर्थ का बहुत ही बड़ा महत्व बताया। कथा क्रम के पहले दिन स्वामी ने कहा कि तीर्थराज प्रयाग और नैमिषारण्य का बहुत बड़ा महत्व है। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा जहां पर भी होती है। वह स्थान भी बहुत महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने कथा श्रोताओं और आयोजकों के लिए भी बहुत ही भाग्यशाली बताया। उन्होंने कहा कि भगवान की कथा का सत्संग बड़े ही भाग्य से मिलता है। नित्य प्रणाम करने से हमें बड़ों का चार प्रकार से आशीर्वाद प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि बड़े मुंह से आशीर्वाद दे या ना दे लेकिन उनके अंतः करण से आयुर्विद्या यशो बलम यह चार प्रकार के आशीर्वाद हमें स्वता प्राप्त हो जाते है। कथा सत्र के प्रथम दिन नगर पंचायत के अध्यक्ष कृष्णपाल मौर्य, विनोद कुमार पांडे, कर्नल पुरुषोत्तम सिंह, नेत्रपाल सिंह, पंडित सूर्य देव पाठक, रामपाल शंखधार, नेमपाल मौर्य ने कथावाचक स्वामी का माल्यार्पण करके स्वागत किया। कथा दोपहर 1 बजे से अपराह्न 4 बजे तक प्रतिदिन 7 दिनों तक चलेगी।।
बरेली से कपिल यादव