बरेली। विधानसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच ही बुधवार को बरेली मे संयुक्त किसान मोर्चा के संयोजक राकेश टिकैत पहुंचे। एक प्रेस कांफ्रेंस करते हुए वह बोले किसानों को हमने बता दिया है यूपी चुनाव में किसे वोट देना है। साथ ही यह भी बता दिया है कि नोटा को वोट नहीं करना है। भाजपा की केंद्र और राज्य सरकार को किसान विरोधी बताया। बोले, भाजपा को सबक सिखाए। वोट किसे करना है, इस सवाल पर गोलमोल जवाब दिया। कहा कि बोले कि इस सरकार में देश के साथ ही यहां के किसानों का भी नुकसान हुआ है। यहां किसानों को एमएसपी नहीं मिल पाती है। यहां किसानों ने अपने धान और गेहूं की फसलों को आधे दामों पर बेचा है। धान बेचने के लिए किसान लाइन में ही लगे। बिचौलियों से महंगे दामों पर फसल खरीदी गई। उन्होंने कहा कि आधे दाम पर फसल बेचकर जिसे चाहो उसे वोट दो। सरकार की नियत किसानो के खिलाफ साफ नही है। 13 महीनों से चल रहे आंदोलन को जिन वादों पर खत्म कराया गया। उसमे से अभी तक कोई भी पूरा नही हुआ है। हमारा विरोध सिर्फ कृषि कानूनों को ही वापस लेना नही था। इसके साथ अन्य मुद्दे भी थे। उन्होंने सरकार को बुरी तरह से घेरते हुए कहा कि इस बार यूपी के किसान इस सरकार को सबक सिखाएंगे। इसलिए हम पूरे प्रदेश मे यह मुहिम चला रहे है। प्रेस कांफ्रेंस मे जब राकेश टिकैत से सवाल पूछा गया कि बीजेपी की नीतियों का विरोध करके क्या वह सपा को फायदा पहुंचाना चाहते है। तो उन्होंने इस पर स्पष्ट जबाव न देते हुए कहा कि वह किसी पार्टी के लिए नहीं आए है। अब उनके विरोध का फायदा किसे होगा यह बात वह नहीं जानते है। आगे उन्होंने कहा कि अब हमारे विरोध का फायदा किसी न किसी को तो होगा ही। बोले खेतों में आवारा पशु मिले और गोशालाओं का संचालन भाजपा नेता कर रहे हैं। बोले सरकार के पास कोई पालिसी नहीं है जिससे किसानों और गरीबो को राहत मिल सके। कृषि कानूनों के विरोध के बाद राजनीतिक दलों के घोषणा पत्रों में किसानों का नाम आने लगा है। अब किसानों को उनकी फसल का वाजिब दाम, उनका हक दिलाने तक संघर्ष जारी रहेगा।।
बरेली से कपिल यादव