बरेली। भगवान शिव को समर्पित सावन महीना गुरुवार से शुरू हो गया है। मान्यता है कि भगवान शंकर की कृपा पाने के लिए यह महीना अति उत्तम होता है। सावन माह को श्रावण मास के नाम से भी जानते हैं। इस महीने भगवान शंकर की विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन महीने में देवों के देव महादेव की सच्चे मन से पूजा-अर्चना करने वाले भक्तों को दुखों से मुक्ति मिलती है और मनोकामना पूरी होती है। 11 अगस्त को रक्षाबंधन को श्रावण मास समाप्त हो जाएगा। सावन का पहला सोमवार 18 जुलाई, दूसरा सोमवार 25 जुलाई, तीसरा सोमवार एक अगस्त और चौथा सोमवार आठ अगस्त को होगा। इसके साथ ही सावन मास की शिवरात्रि 26 जुलाई को मनाई जाएगी। सावन के पहले दिन प्रीति योग का शुभ संयोग बन रहा है। प्रीति योग 14 जुलाई सुबह 04 बजकर 16 मिनट से शुरू होकर 15 जुलाई सुबह 12 बजकर 21 मिनट तक रहेगा। मान्यता है कि इस योग में किए गए कार्यों मे सफलता हासिल होती है। शास्त्रों के अनुसार सावन महीने मे व्यक्ति को सात्विक आहार लेना चाहिए। इस माह मे प्याज, लहसुन भी नही खाना चाहिए। सावन मास मे मांस- मदिरा का सेवन नही करना चाहिए। इस महीने भगवान शंकर की विधि-विधान के साथ पूजा करनी चाहिए। इस माह मे ब्रह्मचर्य का भी पालन करना चाहिए।सावन के महीने मे सोमवार के व्रत का बहुत अधिक महत्व होता है। अगर संभव हो तो सावन माह मे सोमवार का व्रत जरूर करें। सावन सोमवार व्रत के दौरान भगवान शिव का जलाभिषेक करे। भगवान शिव की पूजा मे प्रयोग होने वाली सामग्री मे पुष्प, पंच फल पंच मेवा, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, जौ की बालें, तुलसी दल, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, शिव व मां पार्वती की श्रृंगार की सामग्री हो।।
बरेली से कपिल यादव