पूर्णिया/बिहार-महंगाई की मार झेल रहे गरीब की हाल और भी बद्तर हो गयें है। जिले में बालू और गिट्टी के दाम आसमान पे है। माध्यम वर्ग के लोग इस मंहगाई के कारण अपना घर नही बना पा रहे हैं। बालू और गिट्टी सरकारी डिपो पर मिलने वाली सरकारी योजना ना जाने कहाँ है सिर्फ पन्नो में दब कर रह गई हैं। लोग मेहनत मजदूरी करके घर बनाने के लिये रकम जुटाते है। पर घर बनाने का बजट 4 गुना बढ़ने से लोग घर मे हाथ लगाने की हिम्मत जुटा नही पा रहे है।
और जो लोग अपने मकान का काम कर रहे हैं उन्हें मजबूरी में
कोसी का उजले बालू से करना पड़ रहा है ।पहले लाल बालू की कीमत 3500 रुपये 100 CFT था अभी वही बालू आज 8000रुपए 100 CFT की दर पे बेचा जा रहा है। ये हालात सिर्फ पूर्णिया जिले के नही है। लगभग पूरे बिहार में एक ही आलम है। हर तरफ लोग परेशान है। और ये समस्या कब तक चलेगी इसकी कोई गारंटी नही है। लोग या तो फूस के घर मे रहने को मजबूर हैं या फिर किराए के मकान में। शहरों में किराए के मकान भी मिलना कोई आसान बात नही है। और अगर मिल भी जाते है तो लोगो को इसके लुए 5000/- से 8000/- तक देने पड़ते है। आधी कमाई या फिर आधी सैलरी सिर्फ किराए में चला जाता है। लोगो का ये दर्द ना तो सरकार तक पहुंच रहा है और न ही आला अधिकारी तक जो इस समस्या का समाधान जल्द कर सके ।
-शिव शंकर सिंह,पूर्णिया/ बिहार