फतेहगंज पश्चिमी, बरेली। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड मे हो रही बारिश लोगों के लिए अब आफत साबित होने लगी है। उत्तराखंड में जलस्तर इतना बढ़ गया है कि वहां की सड़के, पुल, मकान तक ध्वस्त होने लगे है। जल स्तर को कम करने के लिए लगातार पानी को छोड़ा जा रहा है। जिसका असर बरेली मे भी दिखाई दे रहा है। पानी छोड़े जाने की वजह से रामगंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 2.75 मीटर और अलर्ट प्वांट से मजह 0.75 मीटर नीचे है। ऐसे मे हालात गंभीर होने की आशंका जताई जा रही है। प्रशासन भी लगातार तैयारियों मे जुटा है। आपको बता दें कि भीषण बारिश की वजह से जिले के मीरगंज, फतेहगंज पश्चिमी व आसपास की तमाम नदियां उफान पर है। अधिकांश बांध भी फुल हो चुके है। जिसकी वजह से पानी को छोड़ना अब मजबूरी भी बन चुका है। बाढ़ खंड विभाग के अनुसार मंगलवार को कोसी नदी से करीब एक लाख क्यूसिक पानी छोड़ गया था। जो पूरी तरह से पास नही हुआ तब तक किच्छा नदी से भी करीब डेढ़ लाख क्यूसिक पानी छोड़ दिया गया। जिसकी वजह से अब रामगंगा नदी खतरे के निशान से कुछ ही नीचे बचा है। हालाता यह हो चुके है कि रामगंगा के आस-पास के इलाको मे खतरे की स्थिति बन चुकी है। विभागीय अधिकारियों की माने तो कालागढ़ बांध से अब तक करीब 15 हजार क्यूसिक पानी छोड़ा जा चुका है। सबसे पहले कालागढ़ से करीब 5 हजार क्यूसिक पानी छोड़ा गया था। मगर मंगलवार देर रात करीब 10 हजार क्यूसिक पानी और छोड़ दिया गया। जिसकी वजह से अब तक वहां से करीब 15 हजार क्यूसिक पानी छोड़ा जा चुका है। बताया जा रहा है कि यदि कालगढ़ बांध से और पानी छोड़ा गया तो निश्चित ही रामगंगा खतरे का निशान पार कर जाएगी। जिसके बाद काफी हद तक नुकसान होने की उम्मीद है। इसलिए लोगों को अभी से अलर्ट किया जा रहा है।।
बरेली से कपिल यादव