बारिश में कैदियों की तरह जीते हैं 18 गांव के लोग

मध्यप्रदेश/ तेन्दूखेड़ा दमोह – स्कूली बच्चों की सुरक्षा के प्रति प्रशासनिक अमला किस कदर आंख बंद किए हुए हैं इसकी वानगी रविवार को तेन्दूखेड़ा तहसील मुख्यालय से सटकर निकले पठाघाट पुल पर देखने को मिली स्कूली छात्र छात्राएं अपनी जान की बाजी लगाकर उस समय नदी का पुल पार करती देखी गई है जब पुल पर दो फिट पानी तेज बहाव से बह रहा था बताया गया है कि यह आसपास के गांव के निवासरत छात्र छात्राएं है जो तहसील मुख्यालय में संचालित कन्या हाईस्कूल तक आने के लिए अपनी जान दाव पर लगाने से भी पीछे नहीं हटी।इस दौरान चौकाने वाला दृश्य यह भी सामने आया कि छात्र छात्राओं को पीठ पर बैग टांगें व हाथों से साइकिल संभाले पुल पर से निकलते तो दर्जनों लोगों ने देखा पर इन्हें रोकने का प्रयास किसी ने नहीं किया वहीं इस पुल पर पानी होने के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के साथ मौके पर तैनात किए जाने वाले पुलिसकर्मी भी गायब नजर आए स्कूली बच्चों के अलावा अन्य लोगों को भी पुल पर पानी होने के दौरान पुल पार करते देखा गया है। मामले में मिली जानकारी के अनुसार नदी के तेज बहाव से होकर स्कूल तक पहुंचने वाले छात्र छात्राएं समीपस्थ गांव जामुनखेड़ा सहित अन्य गांव के थे रविवार सोमवार मंगलवार की रात हुई बारिश की वजह से नदी उफान पर थी और इस कारण सुबह10 बजे पुल पर दो फिट से अधिक पानी हो चुका था।
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दो सैकड़ा गांवों के लिए मुसीबत बनकर आती हैं बारिश लोग घरों में हो जाते है कैद
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बताया जाता है कि नदी के रास्ते से आसपास के 18 गांवों का आवागमन होता है रोजाना हजारों लोग इस पुल को पार करते हैं लोगों का कहना है की सरकार द्वारा पक्की सड़क तो है लेकिन पुल की उंचाई कम होने की वजह से नदी उफान पर आ जाती है और पुल पर पानी आ जाता है इस पुल की लंबाई भी अच्छी खासी हैं पुल के बीचों बीच नदी अपने तेज बहाव पर होती है और इस दौरान किसी को भी बहाव में अपने साथ ले जा सकता है इस मार्ग पर देखा जा सकता है कि जहां एक और क्षेत्रीय वासिंदे अपनी जान दाव पर लगाने से पीछे नहीं हट रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर सुरक्षा के इंतजामों को पूरी तरह नजर अंदाज किया जाता है
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लोगों का कहना है की बारिश के दिनों में अगर कोई बीमार हो जाए तो अस्पताल भी नहीं पहुंच पाते हैं लोग
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वंही ग्रामीणों का कहना है कि बारिश के समय में अगर पठाघाट के पुल पर पानी आ जाता है तो बीमार लोग अस्पताल तक नहीं पहुंच पाते हैं जिससे लोगों की जान का भी खतरा बना रहता है वहीं बुंदेलखंड के दमोह जिले में सैकड़ों गांव ऐसे है जो जिनका बारिश में संपर्क कट जाता है दमोह जिले के तेन्दूखेड़ा तहसील मुख्यालय के 18 गांव के लोग घरों में कैद होकर रह जाते हैं इसके पीछे स्थानीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता सबसे बड़ा कारण है।

– विशाल रजक,मध्यप्रदेश

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