बाड़मेर/राजस्थान- बाड़मेर जिला मुख्यालय पर नगरपरिषद के सबसे बड़े एरिया इंद्रा कालोनी में दोनों ही वेक्सीन टीकाकरण अभियान के तहत चिकित्सा विभाग द्वारा अपने कर्मचारियों को टीकाकरण करने के लिए क्षेत्र वासियों को कोरे आश्वासनों ओर फिर इंतजार करवाने के अलावा कोई हल नहीं निकला है। जिला कलेक्टर आवास ओर चिकित्सा व्यवस्थाओं को सम्हालने वाले अधिकारियों के कार्यालयों से मात्र एक डेढ़ किलोमीटर दूर यह हालत है तो फिर दूर दराज के ग्रामीण इलाकों में हालात बेहद गंभीर बनें तो फिर कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।
युवा जिला कलेक्टर लोक बंधु यादव द्वारा सही ढंग से चिकित्सा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की मोनिटरिंग नहीं करने के कारण जिले में टीकाकरण अभियान पिछड़ने लगा है। मुखिया अशोक गहलोत बार बार राज्य के सभी नागरिकों से अपील करते हैं कि सुरक्षित रहे, जरूरत होने पर ही मास्क लगाकर घरों से बाहर निकलें, हमारे बाड़मेर जिले की शहरी गावाई क्षेत्रों में यातायात व्यवस्था बिगड़ी हुई है, बाजारों में भीड़-भाड़ वाले इलाके में लोगों को बिना मास्क पहने बेरोकटोक आवाजाही चलतीं रहतीं हैं कोई भी अधिकारी जिम्मेदारी से रोकने वाला नहीं है। आने वाले महीनों में अगर तीसरी लहर बाड़मेर जिले में भयंकर भड़भड़ी ना फैला दें इसलिए टीकाकरण अभियान को ज़ोर शोर से चलाना होगा।
जानकारों के मुताबिक प्रदेश के लोगों को जुलाई माह के बाद अगस्त सितम्बर में भी टीकाकरण कार्यक्रम में टीको की किल्लतो का सामना करना पड़ेगा। अगस्त माह में प्रदेश भर में अस्सी लाख लोगों को कोविड वैक्सीन की दूसरी डोज लगनी है, जबकि केन्द्र से प्रदेश को करीब पचपन लाख डोज आंवटित की गई है। ऐसे में करीब पच्चीस लाख लोग समय पर दूसरी डोज का टीका नहीं लगवा पाएंगे।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक इस संबंध में केन्द्र सरकार को एक पत्र लिखा गया है। जिसमें इस महीने अस्सी लाख से ज्यादा वैक्सीन की डोज उपलब्ध करवाने की मांग की है।
जुलाई में भी वैक्सीन की कमी के कारण मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने केन्द्र सरकार को पत्र लिखकर प्रदेश की जरूरत को देखते हुए डेढ़ करोड़ डोज मांगी थी, लेकिन बार बार पत्र लिखने के बावजूद मांग पूरी नहीं हुई। राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार से यह भी मांग की थी कि निजी अस्पतालों को आवंटित किया गया वैक्सीन का पच्चीस प्रतिशत कोटा भी राज्य सरकार को ही दिया जाए और वहीं से निजी अस्पतालों को आवंटित हो, लेकिन यह मांग भी पूरी नहीं हुई।
राजस्थान में अठारह साल या उससे ज्यादा उम्र के 5.14 करोड़ से अधिक लोगों को टीका लगाना है। इनमें से अब तक 81.47 लाख आबादी का ही दोनों डोज का वैक्सीनेशन पूरा हुआ है, ये संख्या टीकाकरण के लिए चिन्हित आबादी का करीब सोलह प्रतिशत है। 51.41 फीसदी आबादी को सिंगल डोज लग चुकी है। अब तक कुल 26478,522 लोगों वैक्सीन की कम से कम एक डोज लग चुकी है। राज्य में अब तक 3.46 करोड़ से ज्यादा डोज लग चुकी है।
वैक्सीनेशन के मामले में राजस्थान देश में चौथे नंबर पर है। वर्तमान में सबसे ज्यादा वैक्सीन उत्तर प्रदेश में 5.32 करोड़ से अधिक को को डोज लगाई जा चुकी है। वहीं दूसरा नंबर महाराष्ट्र का है, जहां अब तक 4.63 करोड़ डोज लगी है। तीसरे नंबर पर 3.56 करोड़ डोज के साथ गुजरात है, जबकि चौथे नंबर पर राजस्थान है।
– राजस्थान से राजू चारण