बरेली। जनपद की बहेड़ी सीएचसी पर कमीशनबाजी और रिश्वतखोरी का मामला लखनऊ पहुंचने के बाद अब जांच का दायरा बढ़ा दिया गया है। अब तक एमओआईसी पर लगे आरोप और कम्यूनिटी हेल्थ अफसरों के पीबीआई भुगतान तक ही जांच सीमित थी। लेकिन अब ठेकेदार को 18500 रुपये के भुगतान से लेकर सामान के बिल तक की जांच की जा रही है। कमेटी तीन बिंदुओं पर जांच कर रही है। पहला, क्या वेंडर को 18500 रुपये का चेक एडवांस मे दिया गया था जो गलत है। दूसरा, क्या बिल से अधिक का पेमेंट वेंडर को किया गया था जो नियमानुसार सही नही है। तीसरा, सीएचसी पर नकद रुपये का लेन-देन किसलिए हुआ था जो वित्तीय नियमों के विरुद्ध है। एमओआईसी डा.अजमेर सिंह पर बहेड़ी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के कई सीएचओ ने शपथ पत्र देकर गंभीर आरोप लगाए है। पहले उन आरोपों की जांच के लिए एसीएमओ डा.राकेश की अध्यक्षता में दो सदस्यीय कमेटी बनाई गई थी। लेकिन नकद लेन-देन का मामला सामने आए। रुपये लेते हुए वायरल वीडियो और वेंडर को हुए भुगतान में भी कई संदेहास्पद तथ्य सामने आने के बाद अब जांच बढ़ा दी गई है। सीएचसी पर वित्तीय नियमों का पालन हुआ था या नहीं, नकद रुपये का लेन-देन क्यों हुआ और क्या वेंडर को नियमानुसार भुगतान किया गया था, इसकी जांच करने को अब कमेटी में जिला लेखा प्रबंधक को भी शामिल किया गया है। सोमवार को एसीएमओ डा.राकेश ने एमओआईसी डा.अजमेर सिंह से खरीद के बिल, आर्डर की कापी के साथ ही उस चेक का विवरण भी मांगा जो उन्होंने सीएचओ से लिया था।।
बरेली से कपिल यादव