बरेली। जनपद मे होली पर होने वाली रामलीला विश्व विख्यात है। यूनेस्को ने 2015 मे इस रामलीला को विश्व धरोहर घोषित किया। होली पर यह अनूठी परंपरा 1861 से निरंतर चली आ रही है। हाथों मे भगवा ध्वज, मुख पर जय श्रीराम के जयकारे, छतों से होती पुष्प वर्षा, भजनों पर झूमते लोग यह नजारा शनिवार को बरेली के ब्रह्मपुरी का था। होली पर ब्रह्मपुरी में होने वाली 165 वीं फाल्गुनी रामलीला की शुरुआत पताका यात्रा के साथ हो गई। नृसिंह मंदिर में भगवान श्रीगणेश, हनुमान जी का विधि-विधान के साथ पूजन किया गया। भगवान श्रीराम, लक्ष्मण व माता सीता के स्वरूप के सजे बच्चों की आरती उतारी गई। जिसके बाद पताका यात्रा की शुरुआत हुई। बैंड बाजे के साथ निकली पताका यात्रा मे भक्तों ने अपने हाथ के भगवा ध्वज धारण किए हुए थे। जय श्रीराम, जय हनुमान, हर-हर महादेव के जयकारों से पूरा माहौल भक्तिमय हो गया। घरों से लोगों ने यात्रा पर पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। पताका यात्रा नृसिंह मंदिर से शुरु होकर कर मलूकपुर चौराहा, सौदागरान, आलाहजरत, सीताराम कूंचा, बड़ा बाजार, दामोदर रास गली, बमनपुरी, मलूकपुर चौराहा होते हुए हनुमान मंदिर पर पहुंची। कमेटी के बरिष्ठ उपाध्यक्ष विशाल मेहरोत्रा ने बताया कि यहां पताका को मंदिर के प्रांगण में लगे पीपल के वृक्ष पर बांधकर विधिवत रामलीला की शुरुआत करने की अनुमति भगवान से ली जाती है। यह परंपरा रामलीला के साथ ही शुरु हुई थी। यात्रा में नगर निगम के उप सभापति सर्वेश रस्तोगी, हिंदू युवा वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर सिद्धराज सिंह, नवीन शर्मा, अखिलेश अग्रवाल, पंकज मिश्रा, विवेक शर्मा, महेश पंडित, सुरेश, सत्येंद्र पांडेय आदि मौजूद रहे।।
बरेली से कपिल यादव