बरेली मे उमड़ा रजा के दीवानों का सैलाब, कुल की रस्म के साथ उर्स का समापन

बरेली। बरेली मे आला हजरत इमाम अहमद रजा खां फाजिले बरेलवी का 107वां उर्स बुधवार को अकीदत के माहौल में मुकम्मल हो गया। इसमें शिरकत करने के लिए देश-विदेश से लाखों जायरीन पहुंचे। बुधवार दोपहर 2:38 बजे कुल की रस्म अदा की गई। इसी के साथ तीन दिवसीय उर्स का समापन हो गया। कुल की रस्म के बाद मुल्क मे अमन के साथ, फिलिस्तीन के मुसलमानों के लिए दुआ की गई। कुल की रस्म के साथ उर्स का समापन हो गया। इसके बाद जायरीन की वापसी का सिलसिला शुरू हुआ तो शहर में सड़कों पर जनसैलाब दिखा। पुलिस-प्रशासन ने एहतियात के तौर पर डायवर्जन लागू किया। एसएसपी अनुराग आर्य ने लोगों से अपील की है कि ट्रैफिक डायवर्जन का पालन करें। पुलिस प्रशासन का सहयोग करें। दरगाह आला हजरत के मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने बताया कि फज्र की नमाज के बाद कुरानख्वानी का आयोजन हुआ। फिर सुबह आठ बजे इस्लामिया मैदान में महफिल का आगाज हुआ। इस्लामिया मैदान में दुनिया भर के उलेमा की तकरीर। जिन्हें सुनने के लिए लोगों का हुजूम मौजूद रहा। आलम ये था कि इस्लामिया मैदान में पैर तक रखने की जगह नही थी। शहर के सौदागरान स्थित दरगाह से लेकर उर्स स्थल इस्लामिया कॉलेज मैदान और आसपास का इलाका जायरीन से ठसाठस भरा रहा। इस बीच उर्स स्थल पर बने मंच पर कार्यक्रम चलते रहे। उर्स के कार्यक्रम दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हान रजा खां व सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रजा खां कादरी की सदारत में संपन्न हुए। निगरानी आसिफ मियां की रही। दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हान रजा खां (सुब्हानी मियां) व सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रजा कादरी (अहसन मियां) की सदारत व सैयद आसिफ मियां की देखरेख में तमाम आयोजन हुए। कुल के बाद बड़ी तादात में लोग मुरीद भी हुए। उर्स-ए-रजवी में दूर दराज से आए देश के जाने माने उलमा ने दीन और मसलक पर पैगाम दिया। वहीं सियासी और सामाजिक विषयों पर भी चर्चा की। जैसे ही कुल की रस्म शुरू हुई और लाउड स्पीकर पर कुरान की आयतें गूंजने लगीं, जो जायरीन जहां था उसके कदम वहीं रुक गए। तेज धूप और गर्मी में पसीने से तरबतर लाखों लोगों ने दुआ के लिए हाथ उठाए। कुल की रस्म के बाद बाहर से आए जायरीन और स्थानीय लोगों की वापसी से शहर की सड़कों पर भीड़ नजर आई। लगभग सभी प्रमुख सड़कों पर दूर दूर तक सिर्फ जायरीन नजर आए। यह स्थिति लगभग एक घंटे तक बनी रही। भीड़ का आलम यह था कि आसपास के भवनों की छतों और मकान के छज्जों तक लोग खड़े रहे। जहां कहीं बड़े वाहन खड़े थे उन पर लोग चढ़ कर बैठ गए थे। वापसी के दौरान शाहजहांपुर मार्ग पर खासी भीड़ रही।।

बरेली से कपिल यादव

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