बरेली। बरेली मुरादाबाद शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र में चुनावी घमासान इन दिनों जोरों पर है। नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब प्रत्याशी पूरे दमखम के साथ मैदान में जुटे हुए हैं। कद्दावर निर्दलीय प्रत्याशी होने के चलते इस बार शिक्षक संघों और राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों का रंग उड़ा हुआ है। बरेली मुरादाबाद खंड शिक्षक निर्वाचन चुनाव इस बार रणनीतिक दांव-पेंच का बड़ा मैदान बना हुआ है। इस बार निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में डॉ विनय खंडेलवाल की दावेदारी ने खलबली मचा दी है। इसका कारण चुनाव पूर्व की तैयारी है। विनय ने वोटर बनाने के दौरान ऐसी रणनीतिक चाल चली कि उसके आगे राजनीतिक पार्टियों और शिक्षक संघों के प्रत्याशियों की भी हालत पस्त है। बरेली मुरादाबाद एमएलसी चुनाव के कुल 36981 वोटर हैं। इनमें से सीबीएसई स्कूलों के 6075, एकेटीयू के 456, मेडिकल कॉलेजों के 326 और रुहेलखंड यूनिवर्सिटी के 3259 वोट हैं। यह वोट विनय खण्डेलवाल की टीम ने बनवाये थे। इस गुणनखंड ने दूसरे प्रत्याशियों में काफी बेचैनी बढ़ा रखी है। इन लोगों की समस्या तब और बड़ी हो जा रही है जब यूपी बोर्ड के 100 से से ज्यादा कालेज विनय के समर्थन में खड़े नजर आते है। इतिहास में देखा जाए तो एक लंबे समय तक शर्मा गुट का इस सीट पर कब्जा रहा था। अब शर्मा गुट आपसी कलह से जूझ रहा है। दो बार के एमएलसी सुभाष चंद्र शर्मा अधिकृत प्रत्याशी के रूप में मैदान में हैं। उन्हें उनके ही संघ के कद्दावर नेता डॉ राजेन्द्र गंगवार और सुनीत गिरी के मैदान में उतरने से बड़ा नुकसान हो रहा है। भाजपा के डॉ हरी सिंह ढिल्लों, चंदेल गुट के रामबाबू शास्त्री, निर्दलीय आशुतोष शर्मा, सपा के संजय मिश्रा, कांग्रेस के डॉ मेहंदी हसन आदि में माध्यमिक शिक्षकों के वोट विभाजित होना तय है। वहीं सीबीएसई स्कूलों के 6075, एकेटीयू के 456, मेडिकल कॉलेजों के 326 और रुहेलखंड यूनिवर्सिटी के 3259 वोट एकतरफा निर्दलीय प्रत्याशी विनय के पक्ष में पड़ने की प्रबल सम्भावना है।।
बरेली से कपिल यादव