- 10 फरवरी से खिलाई जाएगी दवा
- नाइट ब्लड सर्वे के दौरान 237 व्यक्ति संक्रमित पाए गए
- जिले में 5600 फाइलेरिया रोगी व 1100 हैं हाइड्रोसिल के मरीज
मोतिहारी/बिहार- फाइलेरिया को आम तौर पर हाथी पांव के नाम से जाना जाता है। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ शरत चन्द्र शर्मा ने बताया कि फाइलेरिया की रोकथाम के लिए सर्वजन दवा का सेवन करना जरूरी है। उन्होंने बताया कि जिले में फाइलेरिया उन्मूलन हेतु सर्वजन दवा सेवन अभियान 10 फरवरी से चलेगा। 02 वर्ष से ऊपर के लोगों को डी ई सी एवं एलबेंडाजोल की दवा खिलाई जाएगी। इस दौरान इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि दो साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और अति गंभीर रोग से ग्रस्त लोगों को दवा नहीं खिलाई जायेगी। प्रचार प्रसार के साथ इस अभियान के दौरान आशा व स्वास्थ्य कर्मी घर घर भ्रमण कर लोगों को फाइलेरिया के विषय में जागरूक करेंगे। उन्होंने बताया कि जिले के चयनित साइटों पर रात में 16 हजार 800 लोगों के रक्त की जाँच की गई थी, जिसमें 237 व्यक्ति संक्रमित पाए गए हैं।
सर्वजन दवा पूरी तरह सुरक्षित है:
फाइलेरिया रोग से बचाव के लिए सर्वजन दवा पूरी तरह सुरक्षित है। फाइलेरिया रोग वाले सभी क्षेत्रों में सभी लोग डी.ई. सी. दवा की सालाना खुराक लें, यह अति आवश्यक है। फाइलेरिया परजीवी की औसतन आयु 4 से 6 वर्ष की होती है, इसलिए 4 से 6 साल तक सर्वजन दवा सेवन कराकर इस संक्रमण के प्रसार को प्रभावी तौर पर समाप्त किया जा सकता है। डॉ शर्मा ने कहा कि – कुछ लोगों में दवा का मामूली रिएक्शन जैसे उल्टी, खुजली व बुखार आदि हो सकता है। इससे ठीक होने के लिये किसी खास दवा की भी जरूरत नहीं पड़ती। यह घंटे-दो घंटे में अपने आप ठीक हो जाता है।
जिले में 5600 फाइलेरिया रोगी:
भिडिसीओ धर्मेंद्र कुमार और सत्यनारायण उराँव ने बताया कि फाइलेरिया कष्टदायक रोग है जिसका लक्षण आने में वर्षों लग सकते हैं। यह व्यक्ति को विकलांग की तरह जीवन जीने को मजबूर बना देता है। दवा का सेवन ही इससे बचाव का बेहतर उपाय है। उन्होंने बताया कि जिले में अभी 5600 फाइलेरिया के रोगियों की लाइन लिस्टिंग की गयी है। इसके अलावा लगभग 1100 लोग हाइड्रोसील के रोगी हैं।
– बिहार से नसीम रब्बानी