फरीदपुर, बरेली। मंगलवार की देर रात फरीदपुर में नहर के किनारे झाड़ियों मे एक नवजात मिला था। स्थानीय लोगों ने जब उसके रोने की आवाज सुनी तो पुलिस को फोन किया। आनन फानन मे उसे जिला अस्तपाल में भर्ती कराया गया। मगर भर्ती होने के महज पांच घंटे के भीतर ही उसने दम तोड़ दिया। बताया जा रहा है कि बच्चे को मल्टीपल इंजरी थी। सिर में भी चोट लगी थी। जगली जानवरों ने भी उसे नोंच-नोंच कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था। फिलहाल पुलिस मामले की जांच पड़ताल में लगी है। पुलिस की माने तो बच्चे को किसी ने चलते वाहन से झाड़ियों में फेंका है। बच्चा महज चंद घंटे पहले ही जन्म लिया है। संभावना जताई जा रही है कि किसी बिन ब्याही युवती के मां बनने के कारण उसके घर वालों ने बदनामी के डर से बेटा होने के बावजूद भी झाड़ियों में फेंक दिया है। हालांकि पुलिस को उस रास्ते में कुछ सीसीटीवी लगे मिले हैं। पुलिस उन सीसीटीवी के माध्यम से यह पता लगाने में जुटी है कि आखिर मासूम को किसने फेंका। वहीं बाइक से झाड़ियों में फेंकने के चलते बच्चे की हालत गंभीर बताई जा रही है। जिला अस्पताल में डॉक्टरों की निगरानी में बच्चे का इलाज चल रहा था लेकिन दोपहर में बच्चे ने दम तोड़ दिया। घटना की जानकारी मिलने के बाद लोगों की भीड़ जुट गई। स्थानीय लोगों ने बताया कि रास्ता नहर का होने और सुनसान होने के कारण लोग अक्सर यहां भ्रूण या फिन नवजात बच्चियों को फेंक जाते हैं लेकिन पहली बार ऐसा हुआ कि बेटा होने के बाद भी किसी ने बच्चे को झाड़ियों में फेंक दिया। गनीमत यह रही है कि बच्चे को नहर में नहीं फेंका गया और इस दौरान आवारा कुत्तों का ध्यान नवजात की तरफ नहीं गया, नहीं तो कुत्ते मासूम को नोंच डालते। वहीं चोट लगने की वजह से मासूम ठीक से रो तक नहीं पा रहा था सिर्फ कराह रहा था। हालांकि दोपहर में मासूम की सांसे थम गई।।
बरेली से कपिल यादव