शाहजहापुर – मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शाहजहांपुर ने पूर्व केंद्रीय गृहराज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर उनकी ही शिष्या द्वारा लिखाये गये बलात्कार के मुकदमे को वापस लेने के लिए राज्य सरकार द्वारा दिये गये आदेश के अनुपालन में प्रस्तुत किये गये प्रार्थना पत्र को निरस्त कर दिया और उन्हें 5000 रुपये के जमानतीय वारंट से 12 जुलाई 18 को न्यायालय में तलब किया है।
ज्ञात हो इससे पूर्व स्वामी चिन्मयानंद को सी जे यम के न्यायालय से तलब किये जाने के विरुद्ध उन्होंने उच्च न्यायालय के समक्ष एक आवेदन प्रस्तुत किया था जिस पर उच्च न्यायालय ने उन्हें राहत देते हुए सी जे यम के द्वारा जारी किये गये सम्मन के विरुद्ध स्थगन आदेश पारित किया था।प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के साथ स्वामी चिन्मयानंद ने उच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत अपने आवेदन को वापस ले लिया और शासन में अपनी पहुंच का इस्तेमाल करते हुए मुकदमे को राज्य सरकार द्वारा वापस लिए जाने के लिए आवेदन किये जाने का निर्देश अभियोजन को दिलवा दिया।न्यायालय ने आज राज्य सरकार के आदेश पर मुकदमे की वापसी के लिए प्रस्तुत किये गयेआवेदन को निरस्त करते हुए उन्हें अभियुक्त की हैसियत से विचारण हेतु दिनाक-12 जुलाई के लिए तलब किया है न्यायालय के इस निर्णय के साथ स्वामी चिन्मयानंद की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
-देवेन्द्र प्रताप सिंह कुशवाहा
पूर्व गृह राज्य मंत्री की बढ़ी मुश्किलें:बलात्कार के मुकदमें को बापस लेने का आवेदन अदालत ने किया निरस्त
